EMPLOYEE के PF में देर से कंट्रीब्यूशन जमा कराने वाली कंपनियों को घाटा होगा - NATIONAL NEWS

नई दिल्ली।
पब्लिक लिमिटेड एवं प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को अपने कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड एवं अपने हिस्से का कॉन्ट्रिब्यूशन समय पर जमा नहीं कराना अब घाटे का सौदा बन जाएगा। भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि ऐसी कंपनियां जो कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड अकाउंट में निर्धारित समय पर राशि जमा नहीं करातीं उन्हें इनकम टैक्स में डिडक्शन का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह प्रस्ताव वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में पेश किया है।

कैसे होता है ईपीएफ डिपॉजिट पर ब्याज का कैलकुलेशन?

ईपीएफ स्कीम अप्रैल 2020 के लिए कंपनियों को कॉन्ट्रिब्यूशन 15 मई 2020 तक जमा करना था। एक बार पैसा जमा होने पर एक जून 2020 से ब्याज मिलना शुरू हुआ। कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करने में देरी और जमा नहीं करने को लेकर नियम अलग है। अगर कंपनी पैसा जमा करने में देर करती है तो कर्मचारियों को ब्याज 1 जून से मिलेगा। जबकि आर्थिक समस्या की वजह से पैसा जमा नहीं करती तो कोई ब्याज नहीं मिलता है।

पीएफ ब्याज पर लगेगा टैक्स

गौरतलब है कि इस वर्ष बजट में यह प्रस्ताव आया है कि पीएफ पर मिलने वाला ब्याज अगर 2.5 लाख रुपए से अधिक हुआ तो टैक्स के दायरे में आएगा। इससे पहले पीएफ खाते में जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जिसके कारण मोटी कमाई वाले बड़ी मात्रा में पैसा जमा करते हैं। जिससे उन्हें अब तक टैक्स में छूट और अच्छा ब्याज मिलता था।

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