भोपाल। भोपाल की रहने वाली महिला खिलाड़ी के मामले में बड़ा पर्दाफाश हुआ है। वह करीब सात साल से परिवार से अलग रह रही थी। मायके या ससुराल में किसी के भी संपर्क में नहीं थी। हत्याकांड के बाद रोहतक पुलिस ने उसके स्वजन से संपर्क किया, जिसके बाद उसके मोबाइल नंबर की जानकारी जुटाई गई।
हालांकि महिला खिलाड़ी का फोन बंद आ रहा है, लेकिन उसकी कॉल डिटेल में आखिरी के तीन नंबर संदिग्ध हैं, जिन पर कई बार बातचीत हुई है। यह नंबर किसके हैं और उनका महिला खिलाड़ी से क्या संबंध है, इस बारे में अभी जांच की जा रही है। महिला को किसी ने फोन कर रोहतक आने के लिए कहा था, जिसके बाद 16 फरवरी को वह हबीबगंज स्टेशन से ट्रेन पकड़कर रोहतक पहुंची थी। यहां पर भी उसे किसी ने रिसीव किया था। पोस्टमार्टम में सामने आया है कि महिला की हत्या 17 फरवरी की शाम या फिर रात में हुई है।
रोहतक में हुई राजधानी की महिला खेल शिक्षक की हत्या के मामले में पुलिस के शक की सुई उसके करीबियों के आसपास घूम रही है। पुलिस को भोपाल से रोहतक रवाना होने के पहले का एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है। उसमें होशंगाबाद रोड स्थित ढाबे के सामने स्कूटर पर बैठकर महिला किसी युवक से बात कर रही है। कैमरे की तरफ युवक की पीठ होने से उसका चेहरा नहीं दिख रहा। फुटेज धुंधला होने से स्कूटर का नंबर भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है। भोपाल पुलिस रोहतक पुलिस के साथ इस गुत्थी को सुलझाने में लगी है।
साकेत नगर में पिता के मकान में अकेले रहने वाली महिला अवधपुरी स्थित एमजीएम स्कूल में चार वर्ष से खेल शिक्षक थी। उसकी हत्या के बारे में स्कूल प्रबंधन को कोई जानकारी नहीं थी। स्कूल के प्राचार्य जॉर्ज यूसुफ ने बताया कि उसका व्यवहार स्कूल में सामान्य रहता था। स्टाफ और विद्यार्थियों ने कभी उसकी शिकायत नहीं की। पता चला था कि पति से तलाक होने के बाद अकेली रहती है।