रेल कर्मचारी तीन तलाक देकर हिंदू बना और दूसरी शादी कर ली - BHOPAL NEWS

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अजीब सा मामला सामने आया है। एक मुस्लिम महिला ने हिंदू धर्म के रेल कर्मचारी को अपना पति बताया है। इधर हिंदू महिला का कहना है कि रेल कर्मचारी और वह दोनों एक घर में रहते हैं, विधिवत हिंदू धर्म के अनुसार विवाह हुआ है। इसलिए वही रेल कर्मचारी की वैधानिक पत्नी है। पूछताछ के दौरान पता चला कि रेल कर्मचारी जन्म से मुस्लिम था। पत्नी को तीन तलाक देने के बाद आर्य समाज मंदिर में जाकर उसने धर्म परिवर्तन किया और हिंदू महिला से हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी कर ली।

13 साल तक मुस्लिम महिला के साथ रहा फिर तीन तलाक दे दिया

जानकारी के मुताबिक, भोपाल में रहने वाला एक शख्स रेलवे में नौकरी करता है। 2004 में इस रेल कर्मचारी ने एक मुस्लिम महिला से शादी की, जिसके बाद उनके दो बेटे हैं। हालांकि, साल 2017 में उस शख्स ने तीन तलाक बोलकर अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ दिया। 

हिंदू महिला से शादी के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया

बताया जा रहा है कि आरोपी ने इसके बाद हिंदू धर्म अपना लिया और एक हिंदू महिला से शादी कर ली। अब दोनों साथ रह रहे हैं। इस बीच पहली पत्नी ने भरण पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी और इंसाफ की मांग की है। 

मुस्लिम महिला ने भरण पोषण भत्ता मांगा

गौरतलब है कि यह मामला भोपाल की फैमिली कोर्ट प्रधान न्यायाधीश आरएन चंद के समक्ष विचाराधीन है। इस बीच महिला ने काउंसलर शैल अवस्थी को बताया कि रिश्ते हनी मुझे हेलोदारों ने उसे तीन तलाक कानून बनने की जानकारी दी। साथ ही, बताया कि इसके तहत तीन तलाक एक साथ कहने पर वह मान्य नहीं होता। ऐसे में उसने भरण पोषण भत्ते की गुहार लगाई है। 

धर्म परिवर्तन कर लिया इसलिए मुस्लिम पत्नी की जिम्मेदारी नहीं

काउंसलर शैल अवस्थी ने आरोपी पति से बातचीत की। उसका कहना है कि उसने आर्य समाज मंदिर से कानूनी रूप से हिंदू धर्म अपना लिया। अब वह पहली पत्नी की हर जिम्मेदारी से मुक्त है, लेकिन वह मामले को उलझा रही है। महिला ने उसके ऑफिस में भी दावा पेश कर दिया, जिससे उसका वेतन रुक गया है। 

हिंदू महिला ने कहा: मैं उनकी वैधानिक पत्नी हूं

इसके अलावा आरोपी की दूसरी पत्नी ने काउंसलर को बताया कि उसके पति ने धर्म परिवर्तन के बाद उससे शादी की। उसने नियमानुसार पहली पत्नी को तलाक दिया। इस हिसाब से मैं वैधानिक पत्नी हूं। ऐसे में उस महिला का कोई हक नहीं बनता कि वह उसके पति के साथ रहे।

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