BF के साथ लिव-इन में गई वाइफ तलाक भी नहीं दे रही: पति परेशान - BHOPAL MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित करने के बाद अब भारत में महिलाओं को विवाहेत्तर प्रेम संबंध बनाने का अधिकार मिल गया है। इसी का फायदा उठाते हुए 35 साल की एक विवाहित महिला 21 साल के बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगी। उसने इसकी विधिवत सूचना अपने पति को भी दी है, लेकिन तलाक नहीं दिया। महिला का कहना है कि वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन में रहेगी और पति को तलाक नहीं देगी क्योंकि उसकी प्रॉपर्टी में उत्तराधिकार चाहिए।

लॉकडाउन खुलते ही पत्नी अपने बॉयफ्रेंड के पास चली गई

दांपत्य जीवन के विवादों में तलाक से पहले सुलह की कोशिश कराने वाली एक संस्था ने बताया कि इस मामले में फरियादी की उम्र 45 साल है और उसकी पत्नी की उम्र 35 साल। एक संतान है जिसकी उम्र 9 साल है और शादी को 10 साल हो गए हैं। लॉकडाउन के पहले महिला अपने मायके भिंड गई उसके बाद लौटकर आई तो उसका स्वभाव बदल गया। वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती। अक्सर कहती, वह बच्चों को साथ लेकर कहीं चली जाएगी। अचानक पत्नी का स्वभाव उग्र हो गया। वह बार-बार भिंड जाने का कहने लगी। जैसे ही लॉक डाउन खुला तो बच्चों को लेकर मायके चली गई। एक दिन अचानक उसे लिव-इन का नोटरी कराया हुआ कांट्रेक्ट पोस्ट से आया, जिसे देखकर उसके होश उड़ गए।

BF-GF ने मिलकर लिव इन रिलेशन का कॉन्ट्रैक्ट नोटरी कराया

पत्नी के द्वारा किए कांट्रेक्ट में लिखा था कि वह शादीशुदा है उसके दो बच्चे हैं। वह पति के साथ नहीं रहना चाहती। वह तलाक भी नहीं लेना चाहती। वह 21 वर्षीय पार्टनर के साथ में लिव-इन में रहेगी। पार्टनर उसका और उसके बच्चों का भरण-पोषण का खर्च उठाएगा। वह पार्टनर की संपत्ति पर कोई हक नहीं जताएगी। न ही वह कभी उस पर शादी के लिए दबाव डालेगी। मामला सामने आने के बाद पति ने भाई संस्था की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। इस पर भाई संस्था के सदस्यों ने उनके घर पहुंचकर काउंसलिंग की। अब वह ठीक है।

एडल्टरी अपराध नहीं, लेकिन तलाक का आधार है

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एडल्टरी पर आईपीसी की धारा 497 के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों में महिला तलाक लिए बिना किसी के साथ भी रह सकती है। जब तक महिला शादी नहीं करती या हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह विच्छेद नहीं करती, तब तक वह संबंधित पुरुष की ब्याहता कहलाएगी। इस मामले में पुरुष एडल्टरी को क्रूरता का आधार बनाते तलाक ले सकता है।
-संदीप शर्मा, सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण भोपाल

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