व्याख्याता की क्रमोन्नति विवाद पर हाईकोर्ट का स्थगन आदेश, 8 अधिकारियों को नोटिस जारी - MP EMPLOYEE NEWS

जबलपुर
। शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त किया गया व्याख्याता यदि राज्य शिक्षा केंद्र में काम कर रहा है तो उसकी क्रमोन्नति आदेश शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाएगा या राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा, इस बात का फैसला आने वाले समय में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में होगा। फिलहाल हाईकोर्ट ने डाइट प्राचार्य के उस आदेश को स्थगित कर दिया है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए व्याख्याता के क्रमोन्नति आदेश को रद्द किया गया था।

श्री हेमंत चांद, व्याख्याता के पद से डाइट छिंदवाड़ा से दिनाँक 30/04/19 को रिटायर हुए थे। 30 वर्ष की निरंतर सेवाओं के पूर्ण होने पर स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 25/10/2017 के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें दिनाँक 15/05/2015 से तीसरी क्रमोन्नति का लाभ दे दिया गया था। 

रिटायरमेंट के बाद, राजनीति से प्रेरित शिकायत के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा श्री चाँद को प्रदत्त तीसरी क्रमोन्नति का आदेश इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि डीईओ को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार नही है एवं वे सक्षम नही है। चूंकि श्री हेमंत चांद राज्य शिक्षा केन्द्र के कर्मचारी हैं। तत्पश्चात डाईट प्रिंसिपल, छिंदवाड़ा द्वारा क्रमोन्नति निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया एवं पेंशन अधिकारी से पेंशन पुनर्निर्धारण हेतु पत्राचार किया गया। क्रमोन्नति निरस्त करने के कारण पेन्शन नियमोँ के विरुद्ध श्री हेमन्त चांद की पेंशन भी कम हो रही थी एवं एक बड़ी राशि की वसूली भी पेंशन से होनी थी। 

श्री चांद द्वारा डीईओ छिंदवाड़ा एवम डाईट प्रिंसीपल छिंदवाड़ा के आदेश को हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष चुनौती दी गई थी। श्री हेमंत चांद, सेवानिवृत्त व्याख्याता के वकील श्री अमित चतुर्वेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई सुनवाई में हाई कोर्ट को जानकारी दी गई कि शिक्षक शिक्षा एवं प्रशिक्षण अकादमिक राजपत्रित संवर्ग स्कूल शिक्षा अंतर्गत एक अकादमिक संवर्ग है, एवम व्यय भी राज्य सरकार द्वारा ही वहन किया जाता है। अतः जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा विभागीय पद्दोन्नति समिति के सिफारिश के बाद श्री चांद को तीसरी क्रमोन्नति का लाभ दिया गया था। डीईओ छिंदवाड़ा द्वारा क्रमोन्नति निरस्त करने का निर्णय एकतरफ़ा नही लिया जा सकता है, चूंकि उपरोक्त आदेश रिटायर्ड लेक्चरर से वसूली एवं पेन्शन में कमी कर रहा है जो कि पेंशन नियमों 1976 के विरुद्ध है। जिला शिक्षा अधिकारी क्रमोन्नति आदेश जारी करने हेतु पूर्णतः सक्षम हैं। इसके अतिरिक्त अन्य पहलुओं पर भी कोर्ट को जानकारी दी गई। 

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के तर्कों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए हाई कोर्ट जबलपुर ने वित्त विभाग, शिक्षा विभाग, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल, जिला पेन्शन अधिकारी, छिंदवाड़ा, डाईट प्रिंसिपल, छिंदवाड़ा, जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा, इत्यादि को नोटिस जारी करते करते हुए तीसरी क्रमोन्नति निरस्त करने वाले आदेश दिनांक 09/01/2020 एवं 26/11/2020 स्टे कर दिया है। परिणामस्वरूप श्री हेमंत चांद से वसूली एवं पेंशन में कमी स्थगित रहेगी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!