भोपाल। एक तरफ सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार जनता को भगवान बता रहे हैं और दूसरी तरफ जनता को प्रदत्त किए गए सरकारी संरक्षण खत्म किए जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के बाद स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया लगातार जारी है। इसी क्रम में बिजली सप्लाई का काम भी प्राइवेट कंपनियों को दिया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई, बिजली कंपनियों की सारी प्रॉपर्टी और कर्मचारी मात्र ₹1 की लीज पर प्राइवेट कंपनियों को दे दिए जाएंगे।
सबसे पहले इंदौर की बिजली कंपनी का निजीकरण होगा
इसके लिए राज्य सरकार ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2021 अक्टूबर तक बिजली सप्लाई का जिम्मा प्राइवेट सेक्टर के पास चला जाएगा। इस क्रम में सबसे पहले सबसे ज्यादा मुनाफे वाली इंदौर की पश्चिम क्षेत्र की बिजली कंपनी को लीज पर दिया जाएगा।
केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने शिवराज सरकार को स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट भेज दिया है। जिसमें बिजली कंपनियों के साथ एग्रीमेंट समेत नियमों के पालन की सभी मियाद का जिक्र किया गया है।
1 रुपए लीज पर दिया जाएगा पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर और कर्मचारी
वर्तमान समय में मध्य प्रदेश बिजली कंपनियों के पास 1 करोड़ रुपए का इन्फ्रास्ट्रक्चर है लेकिन केद्र सरकार की तरफ से 1 रुपए की लीज पर कर्मचारियों सहित पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर को दे दिया जाएगा। जिसमें सरकारी घर और गाड़ियां भी शामिल होंगी।
बिजली कर्मचारी परेशान
1 रुपए में लीज की खबर से बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारी सकते में आ गए हैं। जिसको लेकर कर्मचारियों ने अपने अपने स्तर पर शिवराज सिंह सरकार के मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री से मिलने समय मांगा है।यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स के प्रांताध्यक्ष, वीकेएस परिहार ने कहा कि बिजली कंपनियों के निजी हाथों में जाने से किसानों और गरीब वर्ग को बिजली महंगी मिलेगी।