ग्वालियर। नकली प्लाज्मा मामले में गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड अजय त्यागी की इन्वेस्टिगेशन के दौरान पुलिस को जो डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं उसके अनुसार केवल अजय त्यागी ने 800 लोगों को नकली खून एवं प्लाज्मा बेचा है। पुलिस का अनुमान है कि इससे उसने ₹4000000 की काली कमाई की। पुलिस काली कमाई के प्रमाण जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि इन 800 लोगों में से कितने लोग जिंदा है।
ग्वालियर पुलिस अजय त्यागी का काला धन तलाश रही है
इन्वेस्टिगेशन टीम के एक अधिकारी ने बताया कि अजय त्यागी ने वर्ष 2019 में ओल्ड हाई कोर्ट पर स्थित गुस्र्कृपा प्रिंटिंग प्रेस पर JAH के नाम से 2000 ब्लड मैंचिंग कार्ड बनवाए थे, जिसमें से 1200 कार्ड उसके घर से बरामद हुए। इससे आशंका है कि बाकी के 800 कार्ड पर अजय ने मिलावटी प्लाज्मा व खून बेचकर करीब 40 लाख से अधिक रुपये जुटाए हैं। पुलिस इस मामले में अजय त्यागी के बैंक के अकाउंट की डिटेल्स पता कर रही है। उसने काली कमाई कहां निवेश की इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
बड़ा सवाल: नकली खून एवं प्लाज्मा वाले कितने मरीज मर गए
यह तो साबित हो चुका है कि ग्वालियर शहर के प्राइवेट अस्पतालों में नकली खून एवं प्लाज्मा की सप्लाई की जा रही थी। इसके कारण दतिया के एक कारोबारी की मौत भी हो चुकी है। यह भी पता चल गया कि करीब 800 मरीजों को नकली खून या प्लाज्मा चढ़ाया गया है। यहां बड़ा प्रश्न यह नहीं है कि अजय त्यागी ने मौत के धंधे से कितने पैसे कमाए बल्कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि नकली प्लाज्मा एवं खून के कारण कितने मरीज मारे गए।
10 से ज्यादा जिलों के मरीज ग्वालियर इलाज कराने आते हैं
उल्लेख करना जरूरी है कि ग्वालियर शहर के प्राइवेट अस्पतालों में केवल ग्वालियर शहर या जिले के लोग नहीं बल्कि आसपास के 10 से ज्यादा जिलों के मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। कुछ मामलों में तो ग्वालियर के डॉक्टरों को झांसी मेडिकल से ज्यादा बेहतर माना जाता है। छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना के मरीज अच्छे इलाज की प्रत्याशा में झांसी मेडिकल छोड़कर ग्वालियर आते हैं। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना, सहित झांसी एवं ललितपुर के मरीज भी ग्वालियर में इलाज कराने आते हैं।