मध्यप्रदेश में इस्पात माफिया: लोहे में 57% की मुनाफाखोरी, शिवराज सिंह सिर्फ भाषण दे रहे हैं - INDORE NEWS

इंदौर
। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए दिन माफिया को जमीन में गाड़ देने के धमकी भरे बयान दे रहे हैं परंतु सरकारी मशीनरी माफिया को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। मध्यप्रदेश में इस्पात माफिया ने लोहे की कीमतों में 57% की वृद्धि कर दी परंतु सरकार ने उसे रोकने के लिए सिंगल स्टेप भी नहीं लिया।

₹35000 का सरिया ₹55000 प्रति टन में मिल रहा है

गुरुवार को सरिए की कीमत 55000 रुपये प्रति टन थी। लोहा व्यापारी मनोज शर्मा के अनुसार छह महीने पहले तक सरिया 35000 रुपये टन था। कीमतें थमी नहीं हैं। हर दिन सिर्फ सरिया नहीं, अपितु हर तरह के इस्पात और लोहे की कीमत में 1000 से 2000 रुपये प्रति टन की बढ़त आम बात हो गई है। ऐसा दौर पहले कभी नहीं देखा गया। बढ़ी कीमतों के चलते मांग थम गई है, लेकिन कीमतों का बढ़ना नहीं थमा।

लोहे में महंगाई के कारण बिल्डरों ने प्रोजेक्ट रोके

व्यापारियों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वजह क्या है? इधर लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान बिल्डरों ने प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। क्रेडाई के पूर्व पदाधिकारी और एनएम ग्रुप के एमडी निकेत मंगल के अनुसार लोहे की कीमतों से परेशान होकर बिल्डरों ने अपने 70% प्रोजेक्ट रोक दिए हैं या काम धीमा कर दिया है। बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए नेशनल रियल इस्टेट कमीशन को पत्र लिखा है।

लोहा कंपनियां कार्टेल बनाकर मुनाफाखोरी कर रही हैं

किसी भी निर्माण में 25 से 30% लागत लोहे की होती है। बिल्डर अपने प्रोजेक्ट को पहले ही बेच चुके होते हैं। ऐसे में लोहे की तेजी के बाद अब प्रोजेक्ट को सौदे वाली कीमतों में पूरा करना असंभव हो गया है। बिल्डरों के पास काम रोकने के अलावा चारा ही नहीं बचा है। हमें शक है कि कंपनियां कार्टेल बनाकर कीमतों को अनाप-शनाप तरीके से बढ़ा रही हैं। हमने प्रतिस्पर्धा आयोग से भी इस बारे में शिकायत की है।

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सिर्फ सरिया नहीं, लौह अयस्क से जुड़े हर तरह के कच्चे माल में 70% तक तेजी आ चुकी है। रोलिंग मिलों में महीने में सिर्फ 10 दिन ही उत्पादन हो रहा है। बढ़ी कीमतों के पीछे वैश्विक परिस्थितियां जिम्मेदार हैं।
-सतीश मित्तल, अध्यक्ष इंदौर रोलिंग मिल एसोसिएशन

ऑटो इंडस्ट्री में लोहे की अच्छी मांग है। हालांकि बढ़ी कीमतों के कारण आम उपभोक्ता बाजार से दूर हो गया है। कीमतें ऐसी ही बढ़ती रहीं तो आने वाले दिनों में बाजार पर नकारात्मक असर नजर आएगा।
-मोहम्मद पीठावाला, अध्यक्ष कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स, इंदौर

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