भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तरफ घोषणा की है कि मध्य प्रदेश में लॉकडाउन नहीं होगा और दूसरी तरफ सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक आयोजित करें और कौन-कौन से कन्टेनमेंट जोन बनाए जाएंगे का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजेंगे। बताने की जरूरत नहीं कि कंटेनमेंट जोन यानी एक क्षेत्र विशेष का लॉकडाउन। उल्लेखनीय है कि संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी मीडिया बुलेटिन में कंटेनमेंट जोन का कॉलम ही खत्म कर दिया गया है।
पॉजिटिविटी रेट 7 दिन में दोगुनी हो गई, एक्टिव केस 10,000 से ज्यादा
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस नेताओं की सुविधा के अनुसार आम आदमियों को प्रभावित करता है। विधानसभा उपचुनाव के दौरान पॉजिटिविटी रेट ढाई प्रतिशत के आसपास था जो दीपावली के बाद 5% के आसपास हो गया है। मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में 1528 पॉजिटिव मिले और अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे मरीजों की संख्या एक बार फिर 10,000 से अधिक (10402) हो गई है।
सरकारी आदेश के बाद 21 नवम्बर से क्या बदल जाएगा
कन्टेनमेंट जोन लॉकडाउन रहेगा।
अन्तर्राज्यीय एवं अन्तरजिला परिवहन सतत एवं निर्बाध रूप से चल सकेगा।
अधिक संक्रमण के जिलों इन्दौर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम एवं विदिशा में 21 नवम्बर से आगामी आदेश तक प्रत्येक रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
नागरिक अति आवश्यक होने पर ही इस अवधि में ही घर से बाहर निकल सकेंगे।
औद्योगिक मजदूरों के आवागमन एवं ट्रकों के परिवहन पर कोई रोक नहीं रहेगी।
कक्षा 1 से 8वीं तक के समस्त स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।
कक्षा 9 से 12 के स्कूली छात्र-छात्राएं तथा कॉलेज के छात्र-छात्राएँ विभागों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप गाइडेंस के लिए स्कूल/कॉलेज आ सकेंगे।