कमलनाथ की कुर्सी बचाने दो हजार से ज्यादा नियुक्तियां रद्द की जाएंगी - MP CONGRESS NEWS

भोपाल
। प्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 यदि कांग्रेस पार्टी जीत जाती तो मुख्यमंत्री कमलनाथ बनते हैं परंतु हार गई तो इस्तीफा नहीं देंगे बल्कि कमलनाथ की कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया जाएगा और विधानसभा चुनाव 2018 से लेकर उपचुनाव 2020 तक की गई लगभग 2000 नियुक्तियां निष्क्रियता और गद्दारी के नाम पर रद्द कर दी जाएंगी। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कमलनाथ के दिल्ली से वापस लौटते ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सर्जरी शुरू हो जाएगी।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सर्जरी की पुष्टि की

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बयान में कहा कि हाल में हुईं नियुक्तियों को रद्द करने की प्रक्रिया जल्द होगी। उपचुनाव में हार के बाद विधायक दल की बैठक में कमलनाथ ने कहा था कि 19 जिलों के विधानसभा प्रभारी रिपोर्ट सौंपे। दीपावली के बाद बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।

हाईकमान में सुनवाई नहीं होगी, कमलनाथ फ्री हैंड लेकर आ रहे हैं 

कांग्रेस पार्टी के पुराने जमीनी नेताओं का मानना था कि उपचुनाव में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, प्राइवेट एजेंसी के सर्वे के आधार पर टिकट वितरण और गलत चुनावी रणनीति के कारण मिली शर्मनाक पराजय के बाद हाईकमान कमलनाथ के साथ सवाल जवाब करेगा परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ बल्कि दिल्ली में 13 नवंबर 2020 को सोनिया गांधी से मिलने के बाद कमलनाथ की टीम की ओर से बताया जा रहा है कि उन्हें सभी प्रकार के निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है।

दीपक बाबरिया ने कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत किया था 

विधानसभा चुनाव 2018 के समय प्रदेश के प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया ने ग्रामीण क्षेत्रों तक संगठन को मजबूत करने की कोशिश की थी। इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने सभी जिलों में मंडल प्रभारी और पन्ना प्रमुखों की नियुक्तियां करवाई थी। इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में भी 150 से अधिक महासचिव, सचिव और सह सचिवों की नियुक्ति की गई थीं। माना जाता है कि दीपक बावरिया की एक्सरसाइज के कारण जमीनी स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ता सक्रिय हुए और मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने में इन पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कमलनाथ ने उपचुनाव में अपनी टीम के लोग भेजे थे 

मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 से पहले कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी 19 जिलों में 28 विधानसभा सीटों के लिए विधानसभा प्रभारी, सह प्रभारी, समन्वयक एवं समन्वयकों की नियुक्तियां की थी। वार्ड स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए जिला अध्यक्षों को फ्री हैंड दिया गया था। कमलनाथ ने सभी सीटों पर अपने विश्वासपात्र कार्यकर्ता भेजे थे। कहा जा रहा है कि यह सभी नियुक्तियां अब रद्द कर दी जाएगी।

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