साउथ इंडिया के लोग केले के पत्ते पर भोजन क्यों करते हैं, यहां पढ़िए - GK IN HINDI

दक्षिण भारत में आप जैसे ही प्रवेश करेंगे ना केवल भोजन के व्यंजन बदल जाएंगे बल्कि थाली भी बदल जाएगी। इन दिनों तो स्टील की थाली के अंदर केले का पत्ता रखकर उस पर भोजन दिया जाता है। सवाल यह है कि दक्षिण भारत में ऐसा क्यों किया जाता है। क्या वहां केले के पेड़ अधिक होते हैं इसलिए या फिर इसके पीछे कोई साइंटिफिक लॉजिक छुपा हुआ है। आइए पता लगाते हैं:- 

केले के पत्ते पर रखा हुआ भोजन सुपाच्य हो जाता है

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ से हिंदी में MA श्री सुरेश चंद बताते हैं कि हम जिस बर्तन मे खाना खाते है उस बर्तन के गुण हमारे खाने मे आते। इसलिए पहले लोग सोने या चांदी के बर्तन मे खाते थे। केले का पत्ता भी इनके गुण मे एक है। केले के पत्ते में कुछ ऐसे गुण मौजूद है जिससे पत्ते पर रखा हुआ भोजन सुपाच्य हो जाता है।

केले के पत्ते पर रखा हुआ भोजन कई बीमारियों को रोकने में सक्षम

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से बीकॉम श्री सपन कुमार झा बताते हैं कि केला के पत्तों में बड़ी मात्रा में पॉलीफेनोल होते हैं जो प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट हैं। केले के पत्तों पर परोसा गया भोजन पॉलीफेनोल्स को अवशोषित करता है जो कि जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों को रोकने के लिए जाना जाता है। उन्हें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी कहा जाता है जो संभवतः भोजन में कीटाणुओं को मार सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

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