SUCCESS के लिए एक सबसे ज्यादा जरूरी बात क्या है, ध्यान से पढ़िए - MOTIVATIONAL ARTICLE

शक्ति रावत।
एक बार एक किसान परेशान होकर एक साधु के पास पंहुचा, दरअसल वह अपने खेत पर कुआं बनाना चाहता था, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी वह कुआं बना नहीं पा रहा था, उसने साधु से अपनी समस्या का हल पूछा, तो साधू ने कहा कि, पहले मैं उस जगह को देखना चाहता हूं जहां तुम कुआं खोद रहे हो। 

दोनों उस खेत पर पंहुचे तो वहां साधू ने देखा कि, कुछ-कुछ दूरी पर छह सात गड्ढे खुदे पड़े हैं। कोई 2 फीट गहरा, कोई 5 फीट गहरा। साधु ने किसान से पूछा यह क्या तुमने? तो किसान ने जबाब दिया, कि मैं जमीन पर थोड़ी खुदाई करता हूं और फिर यह सोचकर कि यहां पानी नहीं मिल रहा, उसे छोडक़र दूसरी जगह खोदना शुरू कर देता हूं। 

साधु ने कहाकि तुम्हारा काम ही तुम्हारी समस्या है, जितनी मेहतन तुमने अलग-अलग जगहों पर की, अगर इतनी एक ही जगह पर की होती, तो अभी तक तुम्हें पानी भी मिल गया होता और तुम्हारा कुआं भी तैयार हो गया होता लेकिन तुमने कई जगह अपना श्रम और समय बर्बाद कर दिया, और इस तरह ना कुआं बना और तुम्हारा खेत भी खराब हो गया। 

हम भी अपनी लाइफ में ऐसा ही कर रहे हैं
अब इस कहानी को अपनी जिंदगी पर लागू करके देखिये। हममें से कितने ही लोग ऐसा करते हैं, कभी कुछ करते हैं, तो कभी कुछ। क्या हम सब इसी किसान जैसे नहीं हैं। आपके आसपास ही ऐसे कई लोग मिल जाएंगे, जिनका किसी एक काम पर फोकस नहीं होता। दरअसल वे तय ही नहीं कर पाते कि करना क्या है। एक काम किया, उसे छोड़ा फिर दूसरा, फिर तीसरा। यह सोचकर कि इस काम में सक्सेस नहीं मिलती तो दूसरा करते हैं, और इसी तरह अपनी ऊर्जा और समय को नष्ट करते रहते हैं, साथ ही मंजिल पर भी नहीं पंहुच पाते। जबकि अगर वे एक ही काम पर टिककर अपना फोकस और ताकत उस पर लगाएं तो आसानी से अपनी मंजिल पर पंहुच सकते हैं, यानि सफलता हासिल कर सकते हैं। लेकिन हर बार इरादा बदलने या काम बदलने से विश्वास कम होता है, और मंजिल दूर होती चली जाती है। 

सक्सेस के लिए टिका रहना जरूरी
इस सूत्र को गांठ बांध लें, जो टिका रहता है, वही जीतता है। दुनिया में सफलता की ऐसी हजारों कहानियां आपको पढऩे मिल जांएगीं। जहां तमाम मुश्किलों के बाद भी लोग अपने काम और लक्ष्य पर डटे रहे और आगे जाकर सबसे सफल साबित हुए। सोच समझकर अपना रास्ता चुनिये चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, और बस फिर उस पर डट जाइये। बदलना पड़े तो रास्ते बदलिये, लेकिन मंजिल नहीं। फोकस के साथ की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं।

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