पुरुषों के कानों में बाल क्यों उग आते हैं, क्या आप जानते हैं, यहां पढ़िए / #सरलSCIENCE

आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ व्यक्तियों के कानों के अंदर से तथा ऊपर से बाल निकलने लगते हैं। कई बार बच्चे तथा बड़े भी इसका मजाक बनाते हैं परंतु क्या आपको पता है कि यह कोई मजाक की बात नहीं है बल्कि यह किसी खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकता है।

आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? 

* कई लोग इसे ज्योतिष ( astrology) से जोड़ते हैं।
* कई लोग इसे अनुवांशिक (genetic)बताते हैं।
* कई लोग इसे जीवन शैली यानी(life style) से जोड़ते हैं।
* कई लोग ऐसा मानते हैं कि सिगरेट, तंबाकू आदि पदार्थों के सेवन के कारण यह होता है।
* विज्ञान की दृष्टि से देखें तो इसे हारमोंस मे असंतुलन के कारण यह होता है।

कान में बाल क्यों उग आते हैं, ज्योतिष के अनुसार

ऐसा कहा जाता है कि जिन व्यक्तियों के कान पर बाल होते हैं- वे बहुत ही होशियार, कंजूस तथा स्वार्थी स्वभाव के होते हैं। अपना काम निकालने के बाद दूसरों की चिंता नहीं करते। इस कारण यह अच्छे राजनीतिज्ञ भी हो सकते हैं।

कान में बाल क्यों उग आते हैं, आनुवांशिकी के अनुसार

अनुवांशिकी का अर्थ होता है लक्षणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आना। तो ऐसा जरूरी नहीं है कि जिसके दादा जी या पिताजी के कान पर बाल रहे हैं तो आगे भी पीढ़ियों में भी रहेंगे।

कान में बाल क्यों उग आते हैं, आधुनिक जीवन शैली के कारण

यदि आज के समय की बात कर तो जल्दी सोने और जल्दी उठने का कांसेप्ट लगभग खत्म सा ही हो चुका है। अब देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना ज्यादा प्रचलित है। जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, उनमें से एक यह भी हो सकती है।

कान में बाल क्यों उग आते हैं, सिगरेट तंबाकू आदि का सेवन

सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन, मनुष्य के शरीर में हारमोंस के कार्य को प्रभावित करता है। जिसके कारण हार्ट अटैक की संभावनाएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। कानों पर बाल आना उसका एक शुरूआती संकेत हो सकता है।

कान में बाल क्यों उग आते हैं, हारमोंस के असंतुलन के कारण

मनुष्य का शरीर एक बहुत ही जटिल तंत्र (complex machine) है जिसे समय-समय पर आराम की भी जरूरत होती है। नहीं तो इतने सारे तंत्र जैसे- पाचन तंत्र,  श्वसन तंत्र, परिसंचरण तंत्र, तंत्रिका तंत्र आदि एक साथ कार्य नहीं कर पाएंगे।

सभी तंत्रों को साथ में कार्य करने के लिए समन्वय (coordination) करना जरूरी है जोकि अंतः स्रावी तंत्र या (endocrine system) करता है। जो कि विभिन्न प्रकार के हारमोंस का  स्रावन (secretion)करता है।

अब सवाल यह कि कान के बाहर या अंदर से बाल केवल पुरुषों में ही क्यों दिखाई देते हैं स्त्रियों में क्यों नहीं? तो इसका कारण है पुरुषों में स्रावित होने वाला टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन जो पुरुषों में हेयर ग्रोथ, मसल गेन और फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।

इसी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का एक बाय प्रोडक्ट है, (DTH) यानि डाई हाइड्रोटेस्टस्ट्रॉन, जो कि  निकोटीन के कारण संतुलित मात्रा में स्रावित होता है और इसी के कारण पुरुषों के कानों पर बाल दिखाई देते हैं।

चूँकि स्त्रियों में इसके स्थान पर एंड्रोजन हार्मोन पाया जाता है, इस कारण यह समस्या स्त्रियों में दिखाई नहीं देती। कुछ स्त्रियों में बढ़ती उम्र के साथ दाढ़ी, मूंछ जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैंं जो की एंड्रोजन हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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