NATIONAL SPORTs DAY - राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है, खेलों की शुरूआत कब से हुई, पढ़िए

खेलों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। शरीर के साथ-साथ ये हमारे मानसिक,  सामवेगी, सामाजिक, सभी प्रकार के विकास में उपयोगी हैं। ऐसा कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। "A healthy body is a healthy brain"

खेल दिवस क्यों मनाया जाता है

प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त का दिन हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यान चंद्र के जन्मदिवस पर उनके  सम्मान में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह वर्ष 2012 से मनाया जाता आ रहा है। इस दिन स्कूलों कॉलेजों आदि में विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।  परंतु अब इस वर्ष 2020 में कोरोना काल  के कारण सभी खेल आयोजन प्रतिबंधित है।

आइए जानते हैं इस दिन और क्या खास होता है 

खेल दिवस के दिन राष्ट्रपति भवन में एक बहुत बड़े कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमें खेल जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है। 
इस दिन राजीव गांधी खेल रत्न ,ध्यानचंद पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार ,अर्जुन पुरस्कार, तेंनजिंग नार्गो आदि पुरस्कार माननीय राष्ट्रपति महोदय द्वारा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रदान किए जाते हैं।
यह राष्ट्रीय खेल दिवस है परंतु इसे अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस के साथ में ना मिलाए , क्योंकि वह 6 अप्रैल को मनाया जाता है।

मानव सभ्यता में खेलों की शुरूआत कब से हुई

  • खेलों का इतिहास मनुष्य के इतिहास जितना ही पुराना है।
  • प्राचीन काल में खेलों का उपयोग शक्ति प्रदर्शन में किया जाता था जो राज्य या देश जितना अच्छा खेल का प्रदर्शन करता था वह उतना ही अधिक शक्तिशाली माना जाता था।
  • भारत में खेल रामायण, महाभारत के समय से ही प्रचलित हैं। 
  • आधुनिक खेलों में क्रिकेट हॉकी शतरंज कबड्डी बास्केटबॉल आदि अधिक प्रचलित है।
  • खेल बच्चों में कल्पना शक्ति, सृजनात्मकता, भावनात्मकता तथा भाषाई कौशल का विकास करते हैं।

SPORT का अर्थ है निम्न प्रकार से माना जा सकता है

S- spiritual (आत्मीय) 
P-physical (शारीरिक) 
O-organize (व्यवस्थित) 
R-reliable (विश्वस्निय) 
T-Teacher (शिक्षक) 

अर्थात खेल का अर्थ है एक ऐसा शिक्षक जो हमें आत्मीय तथा शारीरिक रूप से व्यवस्थित कर देता है। शिक्षा में भी खेलों का अत्यधिक महत्व है बिना शारीरिक शक्ति के शिक्षा अपंग मानी जाती है।
मारिया मोंटेसरी की खेल खेल में शिक्षा विधि (kindergarden method) इसी पर आधारित है। वाइगोत्सकी के अनुसार खेलों से ही बच्चों में अमूर्त चिंतन अर्थात (Abstract thinking) का विकास होता है।

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