महात्मा गांधी के हिंदू स्वराज पर जवाहरलाल नेहरू के विचार- Amazing facts in Hindi about Indian history

भारत की स्वाधीनता के बाद बनी परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि हमने 15 अगस्त 1947 को राजनीतिक रूप से स्वाधीनता तो प्राप्त की लेकिन क्या हम स्वतंत्र हुए? स्वाधीनता मिलने के बाद ‘स्व’ के आधार पर अपने देश का तंत्र विकसित हुआ क्या? 

उस समय महात्मा गांधी, गोपाल कृष्ण गोखले, वीर सावरकर जैसे अन्य विभूतियों ने स्वतंत्र भारत कैसा होना चाहिए, इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। अंग्रेजों के जाने के बाद से उन विचारों पर चर्चा नहीं हुई। इसलिए हम स्वाधीन होने के बाद भी मानसिक रूप से औपनिवेशक बने रहे। 

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने पत्र लिखकर पंडित जवाहरलाल नेहरू को लिखा कि ‘हिंद स्वराज’ पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन नेहरूजी ने हिंद स्वराज पर चर्चा को अप्रासंगिक बताकर नकार दिया। 

उन्होंने कहा कि हम मिडल ईस्ट कहते हैं, क्यों कहते हैं? हमारे लिए तो यह मिडल ईस्ट नहीं है। यूरोप के लिए यह मिडल ईस्ट है। इस छोटी से बात से ध्यान आता है कि हमारी सोच अभी भी यूरोप केंद्रित है। उन्होंने बताया कि जस्टिस रमण ने कहा है– न्यायपालिका भारत के अनुकूल नहीं है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!