एप्लिकेशन लेट हो जाए तो फाइन लगता है, प्रतियोगी परीक्षा लेट हो जाए तो एज में छूट क्यों नहीं / KHULA KHAT

बीते वर्षों मैं मैंने महसूस किया है, कि बेरोजगारी और प्रतिस्पर्धा दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। एक देश की बढती अर्थव्यवस्था में युवाओं के योगदान को अनदेखा नही किया जा सकता। ना ही कमतर आँका जा सकता है। वर्तमान मैं इस कोरोना महामारी के चलते बहुत सी व्यवस्थाएं चरमरा गयीं है, और इसने, पहले से चली आ रही समस्याओं को कम करने की बजाए और बढ़ा दिया है।

अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप के सामने ऐसे कई पड़ाव आये होंगे जब आपको लगा होगा कि आप शायद इस पड़ाव के पार न जा पाएं। विद्यार्थी जीवन में कई समस्याओं का सामना विद्यार्थियों को करना पड़ता है। सबकी समस्याएं एक दूसरे से अलग हैं किसी को पैसे की तोह किसी को रहने की, इत्यदि।

इन सभी समस्यों के बीच एक ऐसी समस्या है जिसपर अभी तक मैंने, कोई विशेष ध्यान आकर्षित करने वाला लेख या कोई योजना के बारे मैं नही पढ़ज्ञ, मैं बात कर रहा हूं, उन लाखों विद्यार्थियों की जो किसी कारणवश, चाहे वह अपर्याप्त मार्गदर्शन या संसाधन की कमी के चलते अपने मुकाम पर पहुचने मैं सफल नही हो सके। मैं बात कर रहा हूँ ओवर ऐज होते प्रतियोगियों की।

एक ऐसी समस्या जिसपर किसी का ध्यान नही जाता। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कई सिविलसेवा के विज्ञापन 2-3 साल मैं आते हैं। इस दौरान यदि कोई विद्यार्थी तैयारी करते-करते ही आयु सीमा पार कर जाता है तो उसका जिम्मेदार कोण होगा..?? कई लोग इस समस्या के चलते कई प्रतियोगी प्रतीक्षाओं से बहार हो जाते हैं। ऐसे विद्यार्थियो को किसी प्रकार का कोई आयु मैं छूट का कोई प्रावधान नही है। परीक्षा लेट होने की वजह से ओवर ऐज हो जाने के लिए कोई सुनवाई नही है, किसी संस्थान की विज्ञप्ति देरी की बजह से जो लोग ओवर ऐज हो गये उनके नुकसान की भरपाई केसे हो...??

अब आपके मन मैं ये सवाल आना लाज़मी है की, विद्यार्थी इतने दिनों या सालो से क्या कर रहा था ..?? इसका जबाब है की लाखों लोग जो किसी प्रतियोगी परीक्षा का सपना देखने मैं, पर्याप्त मार्गदर्शन के अभाव के कारन या उनके उस लक्ष को पहचान पाने मैं देरी, और उस ओर कार्य करने मैं हुई देरी के कारन सपने को साकार नही कर पाते। कई विद्यार्थी कमजोर भूमिका से आते हैं जो अपने आप मैं एक समस्या है। 

जिसमे पर्याप्त संसाधनों का आभाव भी शामिल है। मेरा समझाने का तात्पर्य बस इतना है की, मान लीजिये आप 30 वर्षीय विद्यार्थी हैं आप ने 2 वर्ष के लक्ष्य के साथ किसी सिविल सेवा की तैयारी का मन बनाया ओर आपने तैयारी की, फिर जब आप को लगा की आप तैयार हैं लेकिन सिविल सेवा आयोग किसी कारणवश विज्ञप्ति मैं देरी करता हैं ओर किसी परीक्षा की अधिकतम आयु 33 वर्ष हैं तोह आप जो की किसी परीक्षा को पास करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार थे, लेकिन आप परीक्षा नही दे पाए! क्योकि आप आयोग के नियमानुसार ओवर ऐज हो गये और बहार भी।
नाम- गौरव सागर, एक विद्यार्थी
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