यदि कोई फर्जी अधिकारी/कर्मचारी बनकर अपराध करे तो 420 के साथ IPC की कौन सी धारा जोड़नी चाहिए

हमारे देश में अपराध बहुत बढ़ गया है, और बढता ही जा रहा है, दिन प्रतिदिन लोगों के साथ कुछ न कुछ घटनाएं घटती ही रहती हैं। कोई अपने आप को पुलिस अधिकारी बताकर, कोई श्रम अधिकारी बताकर, कोइ खुद को नकली डॉक्टर बताता है, कोई व्यक्ति खुद को उधोग व्यापार का अधिकारी। ऐसे ही अपने आप को कई विभागों या विभिन्न शासकीय कार्यालयों के अधिकारी या प्रभारी बताकर भारत की आम जनता को गुमराह कर लूट-पाट कर रहे है। अगर अब आपके साथ ऐसा होता है, तो जान लीजिए कि यह कृत्य एक अपराध की श्रेणी में आता है, आप इनके खिलाफ मामला दर्ज करा सकते हैं, एवं हमारे देश में हो रहे ऐसे अपराध को रोक सकते है। जानिए किस कानून के तहत ये मामले दर्ज होते हैं:-

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 170:-

अगर कोई व्यक्ति यह जानते हुए भी किसी विशेष पद को धारण करेगा या किसी विशिष्ट अधिकारी (लोक-सेवक का बनावटी भेष धारण करेगा तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी पाया जाएगा।
1. कोई व्यक्ति किसी का बनाबटी रूप धारण करने से ही अपराधी नहीं माना जाएगा, जब वह व्यक्ति कोई अपराध करेगा तभी इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा, क्योंकि नाटक, ड्रामा, फिल्मों आदि में किसी का भी बनाबटी रूप धारण कर लेते हैं, वह अपराध नहीं है।
2. इस धारा में वह व्यक्ति दोषी होगा जिसने किसी लोक-सेवक के विशिष्ट पद को धारण किया हो, एवं वह व्यक्ति का उद्देश्य, लूट,कपट, धमकियां आदि उससे संबंधित कार्य-अपने कार्यक्षेत्र में कर रहा हो। जैसे- पुलिस अधिकारी या प्रभारी बनकर कोई अपराध संबंधित कृत्य कर रहा हो, नकली पुलिस वाला बनकर लोगों को परेशान करना, राजस्व अधिकारी बनकर जमीन, नक्शा, भूमि नाप,आदि कार्य। नकली डॉक्टर बनकर लोगों का गलत इलाज करना आदि संबंधित कृत्य कर रहा है,ऐसे सभी प्रकार के कार्य अपराध की श्रेणी में आते है।

दण्ड का प्रावधान:- जो व्यक्ति इस तरह के आपराधिक कार्य करेगा 2 वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

इस धारा को हम दो उदहारण में स्पष्ट समझते है

1. किसी व्यक्ति ने स्वयं को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से पैसा और अनाज ऐंठ लिया, इस कार्य में उसने लोगों को किसी विशेष पद ओर संबंधित विभाग की जानकारी नहीं दी, वह व्यक्ति धारा 170 के अंतर्गत दोषी नहीं होगा, क्योंकि उस व्यक्ति ने यहां पर छल (cheating) का अपराध किया है।

2 . किसी व्यक्ति ने स्वयं को पुलिस का मुख्य आरक्षक (Head Constable) बता कर गाँव के लोगों को डरा ,धमाका कर पैसे ऐंठ लिए, वह व्यक्ति धारा 170 के अंतर्गत दोषी होगा, क्योंकि यहाँ उसने विशेष पद के साथ पुलिस संबंधित उस अपराध को किया है जिस अपराध को रोकना पुलिस विभाग या अधिकारी का कर्तव्य है। 
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद (पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !