राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोस्ती के दिन याद दिलाए | MP NEWS

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भाजपा की सदस्यता लेने के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम एक मैसेज छोड़ा, मीडिया ने जब उसे गलत तरीके से डीकोड किया तो राहुल गांधी ने अपने पुराने ट्वीट को रिट्वीट करके मैसेज एक बार फिर क्लियर कर दिया। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सबसे पहले राहुल गांधी ने क्या कहा 

ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उस समय जबकि कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की निंदा कर रहा था, राहुल गांधी ने बड़ी ही चतुराई के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम एक मैसेज दिया। न्यूज़ एजेंसी ANI ने जब उस खबर (कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी से मिलने की कोशिश की थी लेकिन सोनिया गांधी ने उन्हें समय नहीं दिया) के बारे में राहुल गांधी से प्रतिक्रिया मांगी तो राहुल गांधी ने सिर्फ इतना कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अकेले ऐसे व्यक्ति है जो किसी भी समय मेरे घर आ सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को "व्यक्ति के तौर पर" कहा है नेता के तौर पर नहीं। 

मीडिया ने राहुल गांधी के मैसेज का गलत अर्थ निकाल लिया 

मीडिया ने राहुल गांधी के बयान का गलत अर्थ निकाल लिया। ज्यादातर न्यूज़ चैनल पर दिखाया गया कि राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान का खंडन किया है। जबकि राहुल गांधी ने अपने बयान में एक संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब चाहे तब वापस आ सकते हैं। राहुल गांधी के घर के दरवाजे एक दोस्त के नाते हमेशा उनके लिए खुले रहेंगे। 

राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पुराना फोटो रिट्वीट किया 

शाम को राहुल गांधी ने एक पुराना फोटो रिट्वीट किया जिसमें वह राहुल गांधी और कमलनाथ के साथ बीच में खड़े हुए हैं। इस फोटो के साथ उन्होंने मैसेज लिखा है "The two most powerful warriors are patience and time." इस तरह राहुल गांधी ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि उनके लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया समान रूप से जरूरी है और वह दोनों का महत्व समझते हैं। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !