भोपाल। राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया है। राज्यपाल द्वारा आदेशित किए जाने के बावजूद सदन में विश्वास मत पर मतदान नहीं हुआ। राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के तत्काल बाद हंगामा शुरू हो गया और स्पीकर ने सदन को स्थगित कर दिया।
कोरोना वायरस के नाम पर विधानसभा में 10 दिन की छुट्टी
मध्यप्रदेश में आखिरकार वही हुआ जिसकी उम्मीद की जा रही थी। कोरोना के नाम पर कमलनाथ सरकार ने फ्लोर टेस्ट को टाल दिया गया है। सरल शब्दों में कहें तो कोरोना वायरस के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को 10 दिन की छुट्टी दे दी है। स्पीकर ने मध्य प्रदेश विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सिंधिया समर्थक 22 विधायक अनुपस्थित, कमलनाथ ने कहा नहीं कराएंगे फ्लोर टेस्ट
विधानसभा में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के सभी समर्थक विधायक मौजूद थे परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में विधानसभा से इस्तीफा देने वाले 22 विधायक उपस्थित नहीं थे। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने राज्यपाल महोदय को चिट्ठी लिखते हुए स्पष्ट कर दिया था कि जब तक बेंगलुरु में ठहरे हुए सभी विधायक स्वतंत्र नहीं हो जाते और उनकी स्वतंत्रता प्रमाणित नहीं हो जाती तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जाएगा।
विधानसभा का क्या गणित
स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कुल 230 सदस्यीय विधानसभा में दो स्थान रिक्त हैं। अब कांग्रेस के 108, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायक बचे हैं। यानी विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 222 रह गई है। लिहाजा बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी। इस तरह कांग्रेस के पास चार विधायक कम है। कांग्रेस के पास एसपी, बीएसपी और निर्दलीयों को मिलाकर कुल सात अतिरिक्त विधायकों का समर्थन हासिल है। यदि यह स्थिति रहती है तो कांग्रेस के पास कुल 115 विधायकों का समर्थन होगा लेकिन 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कांग्रेस के विधायकों की संख्या 92 ही रह जाएगी।
राज्यपाल का अभिभाषण मात्र 1 मिनट में खत्म हुआ
विधानसभा में राज्यपाल लालजी टंडन के भाषण की शुरुआत में ही टोका-टाकी शुरू हो गई थी। बीजेपी की तरफ से नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल से कहा कि जो सरकार अल्पमत में है, क्या राज्यपाल उसी सरकार की तारीफ की कसीदे पढ़ने आए हैं? इसके बावजूद लालजी टंडन बोलते रहे। फिर राज्यपाल ने एक मिनटे से भी कम में अपने भाषण को खत्म कर दिया। उन्होंने अंत में यह कहा कि विधायक मध्यप्रदेश के गौरव की रक्षा करें और संविधान के नियमों का पालन करें।
शिवराज सिंह और नरोत्तम मिश्रा भाजपा विधायकों के कंडक्टर
बीजेपी के सभी विधायको को तीन बसों में सवार करके विधानसभा लाया गया। इनके साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी बस में मौजूद रहे। बीजेपी के विधायक विधानसभा पहुंच चुके हैं। एक बस में शिवराज सिंह चौहान आगे यानी कंडक्टर सीट पर बैठे थे। वहीं दूसरी बस में नरोत्तम मिश्रा कंडक्टर सीट पर दिखे।