ग्वालियर की चिंता: भाजपा में सिंधिया समर्थकों को महत्व मिलेगा या नहीं | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में जाने के बाद उन सिंधिया समर्थकों के अरमानों पर पानी फिर गया है जो निगम-मंडलों में नियुक्ति की आस में पिछले पन्द्रह महीने से सिंधिया जिंदाबाद के नारे लगाकर अपना गला सुखा रहे थे। सिंधिया अब भाजपा में हैं और उनके समर्थको का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है। ऐसे में यदि प्रदेश में भाजपा सरकार बनती है तो यह तय है कि स्थिति एक अनार सौ बीमार की होने वाली है।

मध्यप्रदेश सरकार में अभी तक होने वाली राजनैतिक नियुक्तियां पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की रायशुमारी के बाद ही की जाती थी लेकिन प्रदेश स्तर पर बदले राजनैतिक परिदृश्य में कांग्रेस पार्टी का दामन छोडक़र सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले उनके हजारों समर्थकों को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी या नहीं इस बात का जबाव भविष्य में देखने को मिलेगा।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सवा साल से अधिक का वक्त हो चुका है। सत्ता में आने के बाद से ही सिंधिया समर्थकों को विश्वास था कि प्रदेश स्तर पर निगम व मण्डलों में होने वाली राजनैतिक नियुक्तियों में उनके नाम की लॉटरी खुलेगी लेकिन केवल मेला प्राधिकरण को छोडक़र किसी भी निगम व मण्डल में सिंधिया समर्थकों की नियुक्ति नहीं की गई थी। अब जबकि सिंधिया के साथ ही उनके हजारों समर्थक भाजपा में शामिल हो चुके हैं उन्हें अब भाजपा में पद पाने के लिए और कितना इंतजार करना होगा।

यदि प्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ होती है तो ऐसे में भविष्य में निगम व मण्डलों के लिए होने वाली नियुक्तियों में सिंधिया समर्थकों को तवज्जो मिलेगी या फिर भाजपा के इस बड़े कुनबे में सिंधिया समर्थकों की हैसियत सिर्फ आम भाजपा कार्यकर्ता तक ही सीमित होगी इसका जवाब भाजपा सरकार के गठन होने तक इंतजार करना होगा।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !