मील के पत्थरों पर अलग-अलग रंग क्यों होता है, कोई संकेत है या पेंटर की मर्जी | GK IN HINDI

मील के पत्थर तो आपने देखे होंगे परंतु शायद ध्यान से नहीं देखा होगा। मील का पत्थर आइसक्रीम जैसा दिखाई देता है। पूरे पत्थर पर सफेद रंग होता है परंतु टॉप पर एक अलग रंग दिखाई देता है। यह कभी पीला, कभी हरा, काला, नीला, नारंगी या फिर पूरा सफेद भी हो सकता है। सवाल यह है कि मील के पत्थर पर मंजिल की दूरी लिखी होती है तो फिर रंग का क्या अर्थ है। क्या इसका भी कोई संकेत है या फिर ठेकेदार के पास जो रंग बचा होता है उसे लगाकर डिजाइन बना देता है। आइए जानते हैं: 

मील के पत्थर पर पीले रंग का अर्थ

जयपुर में रहने वाले मास्टर ऑफ कॉमर्स श्री दिनेश भारद्वाज बताते हैं कि मील के पत्थरों पर जो रंग होते हैं उनका विशेष कारण होता है। वह संकेत देते हैं कि आप किस तरह की सड़क पर चल रहे हैं। जैसे यदि मील के पत्थर पर पीला रंग हो तो आप राष्ट्रीय राजमार्ग यानी कि नेशनल हाईवे पर चल रहे हैं। 

मील के पत्थर पर हरे रंग का अर्थ 

यदि मील के पत्थर पर हरण दिखाई दे तो इसका मतलब है आप स्टेट हाईवे पर हैं। यानी जिस राज्य में आप चल रहे हैं यह उस राज्य की सबसे बेहतरीन सड़कों में से एक है। 

मील के पत्थर पर काला, नीला या सफेद रंग का अर्थ 

सड़क किनारे मील के पत्थर पर यदि काला, नीला या फिर सफेद रंग दिखाई देता है तो इसका तात्पर्य है कि आप नगरीय निकाय की सड़क पर हैं। नगर निगम नगर पालिका ने सड़क को बनाया है। 

मील के पत्थर पर नारंगी रंग का अर्थ 

यदि सड़क किनारे मील के पत्थर पर नारंगी रंग दिखाई दे तो आप समझ जाना कि यह सड़क ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई है। ऐसी सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई है। 
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