कमलनाथ का एक और फेलियर: बागी विधायकों ने नंबर बदल लिए थे, सीएम को पता नहीं चला | Failures of kamal Nath

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में खुद को सुपर कूल और मिस्टर मैनेजमेंट बताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले कमलनाथ का एक और फेलियर सामने आया है। सीएम कमलनाथ और कांग्रेस सरकार के राजगुरु दिग्विजय सिंह लगातार दावा करते रहे कि बेंगलुरु में विधायकों के मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं जबकि ऐसा नहीं था। विधायकों ने नंबर बदल लिए थे। नए नंबर से वह अपनी फैमिली के टच में चाहिए। सभी जरूरी फोन कॉल नए नंबर पर आ रहे थे। प्रचलित मोबाइल फोन को सभी विधायकों ने खुद स्विच ऑफ करके एक बॉक्स में बंद कर दिया था। यह खुलासा भाजपा नेता सुदर्शन गुप्ता ने किया है जो उनके साथ बेंगलुरु में पूरे समय मौजूद रहे।

कमलनाथ से नाराज थे लेकिन दिग्विजय सिंह को दुश्मन मान बैठे थे 

बेंगलुरु में ज्यादातर विधायक पूरे विश्वास के साथ यह कहते थे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। ज्यादातर विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज थे, इसका अर्थ यह हुआ कि एक गुंजाइश थी यदि मुख्यमंत्री कमलनाथ उन तक पहुंच पाते तो बात बन सकती थी लेकिन दिग्विजय सिंह बेंगलुरु जा पहुंचे। वहां मौजूद विधायक दिग्विजय सिंह को अपना दुश्मन मान बैठे थे। वह सच में दिग्विजय सिंह से मिलना नहीं चाहते थे। दिग्विजय सिंह के आने के बाद जो वीडियो जारी हुए वह विधायकों ने खुद बिना किसी की परमिशन लिए जारी करवाए थे। 

जीतू पटवारी की मनोज चौधरी से बात हो सकती थी 

सुदर्शन गुप्ता ने बताया कि जीतू पटवारी जिस होटल में पहुंचे वहां केवल कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी ठहरे हुए थे, उनके साथ कोई नहीं था। यदि जीतू पटवारी शांति और युक्ति से काम लेते, हंगामा नहीं मचाते तो काफी हद तक संभावना थी कि उनकी मुलाकात मनोज चौधरी से हो जाती। 

दिन में गेम्स खेलते, रात में संगीत की महफिल 

बेंगलुरु में ठहरे हुए विधायक दिन के समय मैदान में कोई ना कोई खेल खेलते थे। क्रिकेट और फुटबॉल ज्यादातर विधायकों का प्रिय खेल था। शाम के समय रात्रि भोजन के बाद संगीत की महफिल जमती थी जो नॉनस्टॉप आधी रात तक चलती थी। दिन कब गुजर जाता था पता ही नहीं चलता है। सब लोग टीवी पर न्यूज़ देखते रहते थे। मोबाइल पर खबरें पढ़ते थे।

कमलनाथ का फेलियर कैसे 

सबसे पहली बात तो यह कि कमलनाथ खुद को कांग्रेस पार्टी का सबसे कूल और मैनेजमेंट में सुपर गुरु नेता बताते हैं जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के पतन का एक बड़ा कारण खुद कमलनाथ का व्यवहार रहा। दूसरी बड़ी बात है कि यदि 1 दर्जन से अधिक विधायक नाराज हैं, इतने नाराज हैं कि बगावत कर सकते हैं। उनकी दिल्ली में बातचीत चल रही है, वह अपने जरूरी काम फटाफट निपटा रहे हैं और इन सारी एक्टिविटी का मुख्यमंत्री को पता तक नहीं चला। किसी भी मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़ा फैलियर नहीं हो सकता कि उसको यह तक नहीं मालूम उसके विधायक क्या कर रहे हैं। 

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