जनता कर्फ्यू: DEO ने रविवार के दिन शिक्षकों को स्कूल में बुलाया | KHULA KHAT

महोदय, मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि जैसा कि सभी जानते हैं की पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस के खतरे में जी रहा है। दिन प्रति दिन यह बीमारी महामारी के रूप में अपने पैर पसार रही है। इससे बचने के लिए भारत सरकार भी पूरे प्रयास कर रही है।लोगों को कहा जा रहा है कि जरा भी जुकाम खांसी के लक्षण होने पर अपने आप को दूसरों से अलग कर लें। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं के कर्मचारियों को अपने कार्य घर से निपटाने की सलाह दी गई है। 

रविवार को जनता कर्फ्यू है, सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं परंतु शिक्षकों को विद्यालयों में नियमित उपस्थिति के आदेश दिए गए हैं। विद्यालय जाने के लिए शिक्षक बसों में यात्राएं कर रहे हैं जिससे वे नियमित रूप से सैकड़ों लोगों के संपर्क में आ रहे हैं। शिवपुरी में तो ब्लॉक स्तर पर कक्षा 9 और 11 के रिजल्ट के लिए मीटिंगे आयोजित की जा रही हैं इन शिक्षकों में से यदि एक भी कोरोना संक्रमित निकला तो आप सोच सकते है कितनी भयावह स्थिति पैदा हो सकती है।

अब इस सबसे बड़ी बात इन सब बातों के बाद शिवपुरी डीईओ पिछले पंद्रह दिनों से कुछ ज्यादा कर्तव्यनिष्ठ हो गए हैं और दनादन स्कूलों के दौरे कर रहे हैं। कहीं कोई अनुपस्थित तो नहीं है। वे भी ये मौका चूकना नहीं चाहते। पिछले 15 दिनों में उन्होंने कई शिक्षकों के प्रकरण बनाये हैं और कुछ स्कूलों में तो वे पिछले 10 दिन में दो दो बार निरीक्षण कर आये हैं। एक तरफ तो शिक्षक कोरोना से डरा हुआ है दूसरी तरफ डी ई ओ साहब का ख़ौफ़। 

अगर वह नियमित स्कूल जाए तो कोरोना से ग्रस्त हो जाने का भय है और अगर नहीं जाए या विद्यालय से जल्दी आ जाये तो डी ई ओ साहब उसे कितने से निपटा देंगे इस बात का डर है। मजे की बात यह है कि शिक्षक को अब विद्यालय में काम कोई नहीं है, परीक्षाएं स्थगित हैं,मूल्यांकन कार्य स्थगित है। बस स्कूल जाकर बैठो और एक दूसरे शिक्षक से गप्पें लगाओ और कोरोना फैलाओ। ना तो विद्यालयों में पानी की व्यवस्था है, ना तो अच्छे टॉयलेट है ऒर ना ही सेनेटाइजर हैं। (आदेश मानने को बाध्य एक कर्मचारी)

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