जबलपुर। पवित्र नदी नर्मदा के ग्वारीघाट पर इन दिनों नर्मदा गौ कुंभ चल रहा है। इस कुंभ में 100 से ज्यादा नागा साधु आए हुए हैं। नागा साधुओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोगों की कतार लगी हुई है। लोग नागा साधु के सामने अपनी समस्याओं का वर्णन करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याओं का समाधान हो जाता है।
गीताधाम के सामने 100 से ज्यादा नागासाधु साधना कर रहे हैं
ग्वारीघाट स्थित गीताधाम के सामने चल रहे नर्मदा गो कुंभ में कई अखाड़ों के नागा साधु अपनी धूनी रमाए बैठे हैं। लोगों से जब ये साधु दुख-दर्द पूछते हैं तो युवा से लेकर बड़े अपनी समस्या बताने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। नागा साधु भी भक्त के माथे पर भस्म लगाकर आशीर्वाद देकर बोल बम का जयघोष करते हैं। बुधवार को यहां सुबह से शाम तक ऐसे नजारे दिखाई दिए। यहां लगभग सौ से ज्यादा नागा साधु साधना कर रहे हैं।
मान्यता: नागा साधुओं के आशीर्वाद से दुख-दर्द दूर होते हैं
दरअसल नागा साधु तप और साधना के लिए पहचाने जाते हैं। सनातनधर्मी यह मानते हैं कि इनका आशीर्वाद मिलने से दुख-दर्द दूर होते हैं। लेकिन इन साधुओं का कहना है कि वो भक्तों की प्रार्थना भगवान तक पहुंचाते हैं। वो कुछ नहीं करते, भगवान सभी की रक्षा करते हैं।
हम लोगों की प्रार्थना भगवान तक पहुंचाते हैं
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के जमातिया महंत नागा चंदन गिरी झूले पर एक पैर से खड़े हैं। वे 25 से साधना कर रहे हैं और ग्राम मोहतरा सिहोरा के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि हमारे पास जो भक्त आते हैं हम उनकी समस्या सुनकर उपाय बताते हैं, समस्या तो भगवान दूर करते हैं।
महंत कुलदीप गिरि 8 वर्ष की आयु से साधना कर रहे हैं
इसी तरह हरिद्वार के महंत कुलदीप गिरि (40) जब 8 वर्ष के थे तब से साधना कर रहे हैं। उनका भी कहना था कि युवा नौकरी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं तो कुछ सांसारिक परेशानियों को लेकर पहुंचते हैं।
वहीं धूनी रमाए बैठे छग राजिम से लौटे विक्रमानंद सरस्वती नागा बाबा (47) का कहना है कि सभी समस्याओं का निदान हैं। वे भक्तों से माता-पिता, गुरु और भगवान का पूजन करने कहते हैं। वे कहते हैं गो माता की सेवा भी जरूर करें।