MPPSC 2020: 7 घंटे की मैराथन ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को अब तक मानदेय नहीं मिला

Bhopal Samachar
शिवपुरी। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 (SSE 2020) को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों को अब तक उनका मानदेय नहीं दिया गया है। कर्मचारियों में इस लापरवाही के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है। 

MPPSC 2020 के लिए कर्मचारियों ने 7 घंटे की मैराथन ड्यूटी थी थी

कर्मचारियों का कहना है कि लोक सेवा आयोग ने इस बार जिस तरह के नियम बनाए थे, उनके कारण विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती थी परंतु ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने सूझबूझ का परिचय दिया और परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान 13 केंद्रों पर केंद्राध्यक्षों, सहायक केंद्राध्यक्षों, कक्षों में तैनात वीक्षकों, भृत्यों व क्लर्कों को मिलाकर 1 हजार से अधिक शिक्षक, कर्मचारी व अन्य अमले ने ड्यूटी दी थी। करीब 7 घंटे की इस मेराथन ड्यूटी के बावजूद परीक्षा के महीने भर बाद भी ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिला है। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। 

परीक्षा के 1 दिन पहले से ड्यूटी पर लग गए थे

लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में निजी व सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के अलावा तमाम अमला तैनात किया गया था जहां परीक्षा से एक दिन पहले भी प्रशिक्षण व रोल नंबर अंकन का काम हुआ जबकि परीक्षा वाले दिन दो पाली में परीक्षा आयोजित हुई थी। इसके लिए अमले को परीक्षा से पहले व बाद में भी एक से दो घंटे की अतिरिक्त ड्यूटी देनी पड़ी थी। परीक्षा वाले दिन पहला सत्र सुबह 10 से 12 बजे तक था, जबकि दूसरा दोपहर 2ः15 से 4ः15 तक, लेकिन पूरा अमला सुबह 8 बजे से ही केंद्रों पर पहुंच गया था। शाम करीब 5 बजे तक परीक्षा सामग्री जमा व सील होने तक मौजूद रहा था।

कर्मचारियों का मानदेय ₹300 से लेकर ₹4300 तक है

पीएससी परीक्षा के लिए ड्यूटी देने वाले अमले को अलग-अलग मानदेय मिलना है जो उनके बैंक खाते में पहुंचना था। पीएससी परीक्षा कार्य देख रहे एडीएम कार्यालय के जितेंद्र शर्मा के मुताबिक केंद्राध्यक्षों को 4300 रुपए, सहायक केंद्राध्यक्षों को 3900 रुपए, कक्षों में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को 1600 रुप्ए, भृत्यों को 300 रुपए, जबकि लिपिकीय कार्य करने वाले कर्मचारियों को 500 रुप्ए मानदेय दिया जाएगा।

पिछली बार ₹1900 मानदेय मिला था, इस बार ₹1600 देने की कोशिश

भले ही अभी पीएससी परीक्षा ड्यूटी देने वाले अमले को मानदेय नहीं मिला है। जिसके पीछे 3-4 परीक्षा केंद्रों से बैंक खाते सहित तैनात अमले की अन्य जानकारी प्राप्त न होना कारण बताया जा रहा है, लेकिन उससे पहले मानदेय को लेकर भी असमंजस खड़ा हो गया है। ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों की मानें तो कक्षों में तैनात अमले को जनवरी 2019 में आयोजित पीएससी परीक्षा के दौरान 1900 रुपए मानदेय दिया गया था, जबकि इस बार 1600 रुपए देने की बात कही जा रही है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि लगातार 7 से 8 घंटे ड्यूटी देने वाले अमले का मानदेय बढ़ने की बजाय कम कैसे हो सकता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!