दलितों के दबाव में आई सरकार को सवर्ण शक्ति दिखाएंगे: सपाक्स | MP NEWS

भोपाल। सपाक्स संस्था और सपाक्स समाज संस्था की प्रदेश कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक सपाक्स कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक मे संस्थाओ के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या मे मंत्रालय तथा  विभिन्न विभागो के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

बैठक में सभी ने विचार प्रकट किए कि जब जब सरकारों ने अनुसूचित जाति जनजाति के तुष्टिकरण की नीति के पालन के लिए गलत नियम बनाए हैं एवं सुप्रीम कोर्ट ने उनकी व्याख्या कर संवैधानिक निर्णय दिए हैं तब तब सरकारों ने तत्काल वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करते हुए संविधान संशोधन किए हैं एवं सुप्रीम कोर्ट की मान मर्यादा को नष्ट किया है। बैठक में उपस्थित सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के समस्त लोगों ने यह निर्णय लिया कि यह राजनैतिक दलों की तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है इसका कड़ा विरोध किया जाना आवश्यक है। सामान्य एवं ओबीसी वर्ग कर्मचारी एसोसिएशन के उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो निर्णय दिया गया है इसके विरोध मे एक बार फिर अनुसूचित जाति जनजाति के वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए समस्त राजनीतिक दल पुनः लामबंद हो गए हैं एवं सरकार पर पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में पुनः संविधान संशोधन कर इसे नौवीं अनुसूची में डालने की गलत दवाब बना रहे हैं।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पदोन्नती मे आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था पर दिए निर्णय के विरोध में कांग्रेस एवं  विभिन्न राजनीतिक दलों के वर्ग विशेष के सांसदों विधायकों द्वारा जिस तरह की प्रतिक्रियाएं की गई है वह कतई सम्मानजनक एवं संवैधानिक नही है। पूर्व में भी जब माननीय न्यायालय ने एट्रोसिटी कानून के संबंध में व्यवस्था दी थी तब भी ना सिर्फ इसी तरह विरोध किया गया था बल्कि देशभर में अराजकता का वातावरण निर्मित कर 2 अप्रैल 19 को जिस तरह भारत बंद की आड़ में तोड़फोड़ हुआ जान माल से खिलवाड़ किया गया वह सर्वविदित है।

समानता और सर्व विकाश की अवधारणा के साथ आई कमलनाथ सरकार ने अब वर्ग विशेष की तुष्टीकरण के लिए घोषणा की कि 2 अप्रैल की घटना में आपराधिक गतिविधियों में संलग्न लोगों पर लगे प्रकरण समाप्त किए जाएंगे। जबकि तत्कालीन समय में पुलिस को पुख्ता सबूत थे कि उक्त बंद की अराजकता में प्रदेश के एक वर्ग विशेष के शासकीय अधिकारी कर्मचारी भी संलिप्त थे । ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे सरकार केवल वर्ग विशेष की ही है, सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगो के अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, सामान्य और ओबीसी वर्ग के साथ मारपीट करने, देवी देवताओं का अपमान करने, महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालो को आम माफी देकर उन लोगो को पुनः दंगा फसाद करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, कानून केवल सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए ही है,सरकार के उक्त कदम से सभी सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगो मे जबरदस्त असंतोष है,अफसोस इतना होने के बाद भी सामान्य और ओबीसी वर्ग के जनप्रतिनिधि चुप बैठे हुए है, जैसे केवल एक वर्ग विशेष के वोट से ही जीतेते आये है, हमारे वर्ग के वोट से उन्हें कोई मतलब ही नही है।

ऐसे सभी जनप्रतिनिधियों को हम आगाह करते हुए कहना चाहते है कि तुष्टिकरण का खेल बन्द करिये, अन्यथा की स्थिति में। सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग।  ऐसे राजनीतिक दलों  का घनघोर विरोध करेगा।

मध्य प्रदेश मे स्वयं प्रदेश सरकार दिनांक 15 फरबरी 2020 को सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा पदोन्नती मे आरक्षण के निर्णय के विरोध में प्रदर्शन कर रही है। वर्ग विशेष के एक नेता के 23 फरवरी को भारत बंद के आह्वान का समर्थन कर रही है। पुराने अनुभवों से स्पष्ट है कि इसमें पूरे देश मे अराजकता का वातावरण निर्मित कर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के सम्मान की धज्जियां उड़ाने हेतु  दबाव बनने का प्रयास किया जा रहा है।

 राजनैतिक दलो के इस घोर तुष्टीकरण की के नीती के विरोध मे सर्वसम्मती से निर्णय लिया गया  की सपाक्स संस्था एवं सपाक्स समाज तथा विभिन्न समाजों के समर्थन से दिनांक 26 फरबरी 2020 को पूरे प्रदेश में समस्त जिला मुख्यालयों मे “ संविधान एवं सुप्रीम कोर्ट का मान ”  बचाने हेतु कार्यक्रम आयोजित करेगी । दिनांक 17 फरबरी  2020 को सभी जिलों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री माननीय मुख्यमंत्री व महामहिम राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी माननीय सांसदों विधायकों को संविधान बचाने हेतु पहल करने के लिए ज्ञापन दिया जाएगा। संस्था,  तुष्टिकरण के लिए आरक्षण की व्यवस्था का न्यायालय के निर्णय को परिवर्तित करने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध करेगी।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !