इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनीट्रैप केस में नए-नए खुलासे करने वाले पत्रकार जीतू सोनी ने अपने खिलाफ दर्ज हुए 50 से ज्यादा मामलों को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी परंतु सुप्रीम कोर्ट से जीतू सोनी को कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने जीतू सोनी की याचिका खारिज कर दी है। इधर फरार होने के कारण जीतू सोनी की संपत्ति कुर्की की कार्रवाई जारी है।
गौरतलब है कि जीतू सोनी के खिलाफ इंदौर के विभिन्न थानों में मानव तस्करी, धोखाधड़ी, अवैध कब्जे, दुष्कर्म सहित कई धाराओं में केस दर्ज हैं। वह फरार चल रहा है और उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित है। जीतू ने सुप्रीम कोर्ट में 27 जनवरी को एक याचिका प्रस्तुत की थी। इसमें कहा था कि उसके विरुद्ध जितनी भी FIR दर्ज की गई हैं, वे गलत हैं। इन सभी को निरस्त किया जाए। उसकी गिरफ्तारी पर याचिका के अंतिम निराकरण तक रोक लगाई जाए और इनाम की घोषणा को वापस लिया जाए। पुलिस ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। यह असंवैधानिक हैं। इन्हें भी वापस लिया जाए। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और इन एफआईआर पर कार्रवाई करने से शासन को रोका जाए।
सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई। शासन की तरफ से तर्क रखा गया कि जीतू के खिलाफ की गई सभी कार्रवाई विधि सम्मत हैं। पुलिस ने माय होम होटल से 67 युवतियों और महिलाओं को बरामद किया था। वहां अनैतिक गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। इन सभी को विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत बरामद किया गया था। इन सभी ने होटल में अनैतिक गतिविधियां संचालित होने की बात कही थी। जीतू सोनी का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसके खौफ की वजह से अब तक लोग उसके खिलाफ शिकायत नहीं करते थे। प्रशासन और पुलिस ने जीतू के खिलाफ कार्रवाई की जिसके बाद अब लोग शिकायत लेकर आने लगे हैं।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जीतू को किसी तरह की राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने सोनी की याचिका खारिज होने की पुष्टि की। मालूम हो कि जीतू के खिलाफ 56 केस दर्ज हैं।