कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव सिर्फ औपचारिकता के लिए लड़ा था: कमलनाथ के बयान से पुष्टि | DELHI RESULT ANALYSIS

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की नीतियों और गांधी परिवार के फैसलों में दखल रखने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव गंभीरतापूर्वक लड़ा ही नहीं। 

क्या बयान दिया है मुख्यमंत्री कमलनाथ रहे

दिल्ली में कांग्रेस का खाता न खुलने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ये तो हम पहले से ही जानते थे, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा का क्या परिणाम हुआ? जो इतनी लम्बी-लम्बी बातें करते हैं।कुल मिलाकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें पहले से पता था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों में उन्हें एक भी सीट नहीं मिलने वाली है। इतना कॉन्फिडेंस केवल उसी में होता है जो खुद तय करता है कि उसे सिर्फ औपचारिकता के लिए उपस्थित रहना है। 

दिल्ली में यदि कांग्रेस कब लगा दी तो गठबंधन की सरकार भी नहीं बना पाती

दिल्ली विधानसभा में मध्य प्रदेश मूल के करीब 100000 वोट है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की समीक्षा के दौरान भोपाल समाचार में इस बात का खुलासा मतदान से पहले ही कर दिया था कि कांग्रेस ने जानबूझकर अपने कदम पीछे खींचे और लड़ाई से बाहर हो गई। बताने की जरूरत नहीं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का विकल्प कांग्रेस पार्टी ही मानी जा रही थी। चुनाव के नजदीक आते ही भारतीय जनता पार्टी सक्रिय हुई और रेस में शामिल हुई। कांग्रेस को पता था कि यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक साथ मैदान में डटे रहे तो बीजेपी की जीत सुनिश्चित हो जाएगी, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को दिल्ली में चुनाव हराने के लिए आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ने दिया और खुद कदम पीछे खींच लिए। 

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