भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री परिषद में आज नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया। कमलनाथ कैबिनेट ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस कानून पर पुनर्विचार करें एवं इसे वापस लें। (The council of ministers of Madhya Pradesh government passed a resolution against the Citizenship Amendment Act. Kamal Nath cabinet has urged the central government to reconsider this law and withdraw it.)
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लोगों में धर्म के आधार पर विभाजन करता है। यह कानून भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर से विचार करें एवं इसे वापस ले।
बताने की जरूरत नहीं की CAA के मामले में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं लेकिन जहां तक भारत संघ की बात है तो इसे बोलचाल की भाषा में नरेंद्र मोदी सरकार किया कमलनाथ सरकार कहा जाता है परंतु संवैधानिक रूप से यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार हैं। कैबिनेट का प्रस्ताव राज्य सरकार की तरफ से है जो भारत का एक अंग है। इस प्रस्ताव का तात्पर्य मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने विधिवत रूप से नागरिकता संशोधन कानून को गलत ठहरा दिया है।