कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज | BHOPAL NEWS

भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज हो गए हैं क्योंकि उनके विरोध के बावजूद मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का गजट नोटिफिकेशन कर दिया गया। मसूद ने ऐलान किया है कि वह एनपीआर के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने सीएम कमलनाथ से मांग की है कि एनपीआर के लिए हुआ गजट नोटिफिकेशन खारिज किया जाए। 

कमलनाथ सरकार ने जनता की जिम्मेदारी नहीं समझी: आरिफ मसूद

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मध्य प्रदेश में NPR का गैजेटेड नोटिफिकेशन गलत तरीके से हुआ है। प्रदेश सरकार ने सही तरीके से अपने प्रदेश की जनता की जिम्मेदारी को नहीं समझा। ये गलत काम हुआ है, इसका खुलासा होना चाहिए। NPR, NCR का छोटा पार्ट है और इसका हम विरोध करते हैं। अब हम संविधान सुरक्षा आंदोलन संगठन के बैनर तले पूरे प्रदेश में NPR के खिलाफ आंदोलन करने जा रहे हैं। इससे पहले भोपाल में 24 फरवरी के बाद तीन चार दिन संविधान के विशेषज्ञों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन सौंप कर एनपीआर को खारिज करने की मांग की जाएगी।

आरिफ मसूद ने बताया होने NPR से आपत्ति क्या है

मसूद ने कहा कि अगर जनसंख्या की गणना होती तो हमें कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन, केंद्र सरकार ने इसके नियमों में संशोधन कर छह पाइंट जोड़े हैं। जिसमें अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है। हम इसके खिलाफ भोपाल सहित पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। हर मुस्लिम घर के आगे NO CAA NO NRC के पोस्टर लगाए जाएंगे। इसके अलावा जनगणना करने आने वालों का विरोध करेंगे।

गृह विभाग ने NPR का गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी कर दिया है

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपग्रेडेशन का काम 1 मई से शुरू हो जाएगा। 
14 जून तक मकानों की गणना के साथ-साथ चलेगा। यह दोनों काम जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में होंगे। 
एनपीआर में वर्तमान पते पर आप कब से रह रहे हैं? पूर्व में आप और आपके माता-पिता कहां रहते थे? जैसे करीब 16 सवाल पूछे जाएंगे लेकिन कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। वहीं, मकान सूचीकरण, उनकी गणना के तहत भवन स्वामी से 31 सवाल होंगे।
इसके प्रोफॉर्मा में पेन नंबर, प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई सवाल नहीं है, लेकिन परिवहन के लिए आप कौन सा वाहन इस्तेमाल करते हैं? यह जरूर पूछा जाएगा। इसके अलावा बेघर/ घुमंतु लोगों को संस्थागत परिवारों के रूप में पहली बार एनपीआर में दर्ज किया जाएगा।

पंजीयन कराना अब कानूनी तौर पर अनिवार्य

एनपीआर देश के निवासियों का एक रजिस्टर है। इसमें प्रत्येक नागरिक को अपना पंजीयन कराना अब कानूनी तौर पर अनिवार्य है। एनपीआर का काम दस साल बाद दूसरी बार होने से इसे अपग्रेडेशन करना बताया गया है। एनपीआर में ये अवश्य पूछा जाएगा कि आपके माता-पिता का कहां जन्म हुआ? उनकी राष्ट्रीयता क्या है? यह काम हरेक शहर में मकानों की मोहल्लावार सूची बनाने, गणना के साथ होगा।

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