मोबाइल टावर से कैंसर: एक कॉलोनी में 40 से ज्यादा मरीज, 15 मौत | INDORE NEWS

इंदौर। क्या मोबाइल टावर से ऐसी तरंगे निकलती है जिनके कारण कैंसर हो सकता है। सेवा प्रदाता कंपनियों से पूछें तो वह इससे साफ इंकार कर देगी। कुछ मामले कोर्ट तक भी पहुंचे। कोर्ट में साबित किया गया कि मोबाइल टावर से ऐसी कोई भी तरंग नहीं निकलती जो मनुष्य के लिए खतरनाक हो लेकिन यदि आप इंदौर की कृषि विहार कॉलोनी में आए तो आपको पता चलेगा कि मोबाइल टावर की दहशत क्या होती है। यहां हर तीसरे घर में कैंसर का मरीज है। मोबाइल टावर लगने के बाद से अब तक 40 से ज्यादा कैंसर के मरीज पाए गए हैं। इनमें से 15 की मौत हो चुकी है। लोग घर छोड़कर जा रहे हैं।

कृषि विहार कॉलोनी के बाद बख्तावर और रामनगर में भी कैंसर का संक्रमण

इंदौर के कृषि विहार कॉलोनी के लोग लंबे अरसे से ऐसा महसूस कर रहे हैं, जैसे मौत के साये में जिंदगी जी रहे हों। कॉलोनी के हर तीसरे घर में कैंसर से पीड़ित एक ना एक मरीज़ है। लोगों का कहना है मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडिएशन का असर उन पर हो रहा है। हाल के दिनों में अब तक यहां 40 से ज्यादा कैंसर के मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 15 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। साथ ही पास की कॉलोनी बख्तावर रामनगर में भी कैंसर ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए है। कैंसर से पीढ़ित कॉलोनी के निवासी मणिशंकर उपाध्याय का कहना है कि पहले वो बिल्कुल स्वस्थ्य थे लेकिन टावर लगने के तीन साल बाद उन्हें कैंसर हो गया। इसकी वजह से उनका एक पैर बेकार हो गया।

मोबाइल टावर के कारण लोग घर छोड़कर जा रहे हैं

कृषि विहार कॉलोनी में लगे मोबाइल टावर की दहशत इतनी है कि कई लोग अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। इसी कॉलोनी के रहने वाले विनोद काला अपनी बहू की बीमारी का जिक्र करते हुए भावुक हो जाते हैं। उनका कहना है 6 महीने पहले पता चला कि उनकी बहू विली काला को ब्रेस्ट कैंसर है। तब से उसे जैन कॉलोनी में मायके वालों के पास देखरेख के लिए भेज दिया है। बेटा-बहू और बच्चे भी वहीं चले गए हैं। इस बीमारी ने हमें अकेला कर दिया। हम अपनी पत्नी के साथ अकेले बुढ़ापा काटने को मजबूर हैं। बहू की हालत देखकर मेरी हिम्मत टूट जाती है।

कृषि विहार कॉलोनी इंदौर में लगभग हर तीसरे घर में कैंसर का मरीज

कॉलोनी के लोगों का कहना है तकरीबन हर घर में कैंसर के मरीज़ हैं। चार मंजिल की एक बिल्डिंग में तो हर फ्लोर पर कैंसर का एक मरीज है। 16 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग तक इस खतरनाक बीमारी की गिरफ्त में हैं। इनका मानना है कि ये सब मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों टावर के रेडिएशन की वजह से हो रहा है। टॉवर लगाने में गाइड लाइन्स का पालन नहीं होता है। कॉलोनी और आसपास लगे मोबाइल टावर्स तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !