आयुष डॉक्टर से PM और MLC करवा रहे हैं BMO | MP NEWS

अब्दुल वसीम अंसारी/ राजगढ़। जिले में सैकड़ा से अधिक आयुष डॉक्टरों द्वारा एलोपैथी पद्धति से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जबकि आयुष डॉक्टर केवल उनकी योग्यता (आयुर्वेदिक, यूनानी या फिर होम्यापैथिक) पद्धति से ही उपचार कर सकते हैं। दिनांक 30 दिसंबर 2019  को सिविल मेहताब चिकित्सालय नरसिंहगढ़ में देखने को मिली जहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में पदस्थ संविदा आयुष चिकित्सक डॉ अनिल सोनी की सेवाएं नियमविरुद्ध पीएम और एमएलसी में लगा दी गयी जिससे स्वास्थ विभाग की दांवों की पोल खुलती है।

आयुष डॉक्टर नही कर सकते पीएम/एमएलसी

आयुष डॉक्टरों की सेवाएं शासकीय ओपीडी के अलावा पीएम और एमएलसी तक में भी ली जा रही है, जहां वे खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर मरीजों का एलोपैथी पद्धति से उपचार करते है। मामला आयुष डॉक्टरों का है। यहां आयुष डॉक्टरों को जिस पद्धति में योग्यता मसलन आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक मिली है, उसके आधार पर ही उन्हें उपचार करना चाहिए। लेकिन ऐसा जिले में कहीं भी नहीं हो रहा है।

नरसिंहगढ़ के सिविल मेहताब अस्पताल में दिनांक 30 दिसंबर 2019 को बीएमओ डॉ गौरव त्रिपाठी द्वारा निकाले गए आदेश में डॉ अनिल सोनी की भी 2 और 5 जनवरी को ड्यूटी लगा दी गयी जिसमे बकायदा पीएम और एमएलसी तक करने के लिए लिखा गया है जो कि MCI के नियमो के साथ ही मध्यप्रदेश स्वास्थ विभाग का भी खुला उल्लंघन है।

पद्द्ति का ज्ञान नही फिर भी कर रहे एलोपैथी उपचार

जिस चिकित्सा पद्धति का डॉक्टर के पास कोई प्रमाण पत्र नहीं, उस पद्धति से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। आलम यह है कि ऐसी पद्धति से मरीजों की जान पर बन आ रही है। बावजूद इसके ऐसे डॉक्टरों से खुलेआम ओपीड में ड्यूटी लगाकर मरीजो को दिखवाया जा रहा है। आरबीएसके में पदस्थ डॉ प्रशांत सक्सेना बकायदा ओपीडी में बैठकर इलाज कर रहे है और अपने घर नेमप्लेट लगाकर प्रैक्टिस भी कर रहे है जबकि RBSK वाले डॉक्टर की ड्यूटी फील्ड के लिए रखी गयी है जिसमे इनके द्वारा जनजाति बीमारियों का चित्रांकन कटे होंठ एवं तालुके बच्चों की पहचान, मानसिक रूप से विकलांग, बच्चों में खून की कमी, विटामिन की कमी, गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान अधिकार उन्हें उच्च करना होता है लेकिन BMO की मिलीभगत से Rbsk के डॉक्टर की ड्यूटी ओपीडी में नियमविरुद्ध लगाकर शासन के आदेशो की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

इनका कहना है:-
पीएम,एमएलसी वगेरह एमबीबीएस चिकित्सक ही कर सकता है, मेने संबंधित बीएमओ से बात की है, उनका कहना है कि, आदेश में लिख जरूर दिया है, इमरजेंसी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन एमएलसी या पीएम की जब भी कोई बात आएगी तो मेरे द्वारा ही किया जाएगा। 
डॉक्टर केके श्रीवास्तव
सीएमएचओ जिला चिकित्सालय राजगढ़

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