MPPSC के घबराए चेयरमैन और सचिव राहत मांगने हाईकोर्ट पहुंचे | MP NEWS

भोपाल। भील जनजाति से संबंधित विवाद सवाल पूछने के बाद एट्रोसिटी एक्ट के तहत इंदौर में दर्ज हुई FIR से घबराए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सचिव राहत मांगने हाई कोर्ट जा पहुंचे। उनके वकील ने कहा कि पुलिस ने बिना जांच किए मामला दर्ज कर लिया है जबकि पुलिस की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि अज्ञात जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला चेयरमैन या सचिव के खिलाफ नहीं है। जांच में जिस भी व्यक्ति का नाम सामने आएगा उसे नामजद कर लिया जाएगा।

जस्टिस विवेक रुसिया की खंडपीठ के समक्ष यह मामला लगा था। आयोग की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान श्रीवास्तव ने अर्जी दायर की थी। पुलिस की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने पैरवी की। कोर्ट में कहा कि पुलिस ने अभी किसी के खिलाफ नामजद केस दर्ज नहीं किया है। अध्यक्ष, सचिव ने अपना आने की आशंका के चलते अभी से याचिका दायर कर दी। पुलिस इस मामले की जांच दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं कर रही है। इस मामले में कोई क्लर्क भी दोषी होगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। 

पुलिस को मामले की गंभीरता पता है इसलिए किसी को नामजद आरोपी नहीं बनाया। जब जांच पूरी होगी उसके बाद पुलिस निष्कर्ष पर पहुंचेगी की किसका नाम एफआईआर में शामिल किया जाए। को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पीएससी की परीक्षा में भील जनजाति के खिलाफ आपत्तिजनक प्रश्न पूछा गया था। इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए, ज्ञापन भी दिए गए थे। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !