भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे पटवारी काउंसलिंग घोटाले के खिलाफ PEB PASS वेटिंग पटवारी अब सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले उम्मीदवारों ने कई बार सरकार के सामने विनम्रता पूर्वक अपनी बात रखने की कोशिश की। उम्मीदवारों का दावा है कि काउंसलिंग के नाम पर भर्ती घोटाला हो रहा है। सब कुछ खुलेआम हो रहा है इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसलिए मजबूर होकर PEB PASS वेटिंग पटवारी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने आ रहे हैं।
काउंसलिंग के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही कुलदीप जी ने बताया कि मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा dec 2017 में 9235 पदों के लिए PEB द्वारा आयोजित करवाई गई। जिसका परिणाम 26 मार्च 2018 को घोषित किया गया। जिसमे चयनित उम्मीदवारों के साथ कुल पदों के 15% की यानी 1385 लोगो को प्रतीक्षा सूची में स्थान दिया गया एवं PEB (व्यापमं) की रूलबुक में ऐसा प्रावधान किया गया कि यदि मैरिट में स्थान प्राप्त चयनित उम्मीदवारों से यदि पद रिक्त रह जाते हैं। तो दूसरे व तीसरे चरण की काउंसलिंग द्वारा प्रतीक्षा सूची के 1385 उम्मीदवारों द्वारा 18 माह के अंदर भरे जाएंगे।
इसके बाद 23 जून 2018 को मैरिट के चयनित उम्मीदवारों की प्रथम चरण की काउंसलिंग आयोजित की गई। जिसमें की लगभग 1000+ से अधिक उम्मीदवार अनुपस्थित रहे एवं अंतिम रूप से उन्हें 6 अगस्त 2018 को प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया।
इस प्रकार साल के अंत तक विभाग के आला अधिकारियों व मीडिया के माध्यम से आई खबरों के अनुसार रिक्त पदों की संख्या 1400+ हो गई। अब तक इसमें 6 कॉउंसलिंग की जा चुकी और 7वीं 15 जनवरी को है। इन सभी मे सिर्फ अपग्रेड करने के नाम पर उन्ही लोगों को बुलाया जा रहा जो पहले से पटवारी हैं।
पहली काउंसलिंग ऑनलाइन थी तो बाकी काउंसलिंग ऑफलाइन क्यों की गई? वेटिंग अभ्यर्थियों का समय अपग्रेड वालों को क्यों दे दिया गया वेटिंग क्लियर करने की जगह अपग्रेड की प्रोसेस बार-बार क्यों चलाई जा रही है? एक व्यक्ति को चार चार जगह से कॉल लेटर क्यों जारी किए जा रहे हैं। हर काउंसलिंग में यही गलती बार-बार क्यों दोहराई जा रही है?
चौथी काउंसलिंग से 10 जिलों को ब्लॉक करके उनके पदों को क्यों गायब कर दिया गया?
(10 जिले:- शिवपुरी, भोपाल, श्योपुर, टीकमगढ़, दतिया, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, सिंगरौली, आगरमालवा)
15 जनवरी 2020 को 7वीं काउंसलिंग होने जा रही है इसमें आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा मीडिया को 450 पद रिक्त बताए गए हैं। जब प्रथम काउंसलिंग के बाद 1400 के करीब पद खाली थे ऐसा बयान उस समय के आयुक्त सेल्वेंद्रन सर द्वारा दिया गया था तो अभी तक वेटिंग में से केवल 100 लोगों को लिया गया है फिर पद 1400 से 450 पर कैसे आ गए बीच में किन्हे भर लिया?
काउंसलिंग का डाटा ऑनलाइन विभाग की वेबसाइट पर क्यों नहीं डाला जा रहा। 10 फरवरी 2020 वेटिंग सूची की लास्ट डेट है। अगर विभाग ऐसे ही सिर्फ अपग्रेड करता रहेगा और वेटिंग में से हर काउंसलिंग में सिर्फ 20 लोगों को ही लेता रहेगा तो वेटिंग लिस्ट की वैधता समाप्त हो जाएगी और पद भी पूरे नहीं भर पाएंगे।
1400 पदों को दबाने और पूरा वेटिंग सूची का समय अपग्रेड में निकाल देना एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है।
इस सब के विरोध में १४ जनवरी की सुबह 9 बजे प्रदेश भर के सभी प्रतीक्षारत पटवारी अभ्यथी मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन देने और राजस्व मंत्री के बंगले का घेराव करने भोपाल पहुंचेंगे।