भोपाल। एक मनुष्य की नागरिकता की पहचान करने के लिए दुनिया भर की सरकारें तमाम जतन करती है। यदि दस्तावेज ना हो तो मेडिकल तक कराया जाता है परंतु भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नागरिकता की पहचान चुटकी बजाते ही कर लेते हैं। उन्होंने 'पोहा' के माध्यम से पता लगा लिया कि कुछ लोग जो उनके घर पर मजदूरी करने आए हैं, असल में बांग्लादेशी है। यह बात खुद कैलाश विजयवर्गीय ने आम जनता को बताई, लेकिन पुलिस को नहीं बताई। कोई FIR नहीं कराई। अब कैलाश विजयवर्गीय यह पोहा साइंस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गुरुवार को इंदौर शहर में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'जब हाल में ही मेरे घर में एक कमरे के निर्माण का काम चल रहा था तो कुछ मजदूरों के खाना खाने का स्टाइल मुझे अजीब लगा। वे केवल पोहा खा रहे थे। मैंने उनके सुपरवाइजर से बात की और शक जाहिर किया कि क्या ये बांग्लादेशी हैं। इसके दो दिन बाद सभी मजदूर काम पर आए ही नहीं।'
विजयवर्गीय ने लोगों को किया आगाह
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस मामले में मैंने अभी तक पुलिस शिकायत नहीं दर्ज कराई है। मैं केवल इस घटना का जिक्र करते आप लोगों को आगाह करना चाहता हूं। यह सब देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। मैं जब बाहर जाता हूं तो मेरे साथ 6 सुरक्षाकर्मी चलते हैं, क्योंकि घुसपैठिए देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं।'
विजयवर्गीय बोले- देश हित में है CAA
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में बोलते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'अफवाहों से गुमराह मत हो, सीएए में देश का हित है। यह कानून वास्तविक शरणार्थियों को नागरिकता देगा और घुसपैठियों की पहचान होगी, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।'