ग्वालियर। चौबीसों घंटे कड़ी सुरक्षा के बीच रहने वाले गूजरी महल से चोर एक बेहद बेशकीमती मूर्ति ले उड़े। चोरी का यह मामला बहोड़ापुर थाने में दर्ज करवाया गया है और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गूजरी महल पुलिस के पहरे में तो रहता ही है साथ ही सुरक्षा के लिए लिहाज से सीसीटीवी भी लगे हुए हैं पर चोरी का सीन किसी भी सीसीटीवी कैमरे में कैद नहीं हुआ है। इससे इस आशंका को जन्म मिलता है कि इस चोरी को पूरी तरह से मिली भगत से अंजाम दिया गया और इसलिए ही वारदात के वक्त सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया गया।
रहता है सख्त पहरा
गूजरी महल में सत्तर से अधिक पत्थर और मिश्र धातु की मूर्तियां रखी हैं। इसमें ही शालभंजिका रखी है जिसकी कीमत कई करोड़ है। यह दसवीं सदी की प्रतिमा है। इसे गूजरी महल का गौरव भी कहा जाता है। कई हथियार और तोपें भी यहांं रखी हैं। मोहन जोदड़ो की खुदाई में निकले पुरातत्व महत्व की चीजें भी यहां संरक्षित की गई हैं। गूजरी महल में कुल 17 गैलरी हैं। इसके अलावा ओपन गैलरी भी है। इन्हीं सब की सुरक्षा के लिए गूजरी महल की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे एक-चार का पुलिस गार्ड तैनात रहता है पर यह गूजरी महल के बाहर तैनात रहता है। भीतर की सुरक्षा व्यवस्था राज्य के पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा संभाली जाती है।
स्कंधमाता की मूर्ति
जो मूर्ति चोरी गई है वह स्कंध माता है। अष्टधातु की यह मूर्ति है। यह मूर्ति सवा सौ साल से भी अधिक पुरानी है और इसकी कीमत के बारे में जानकार कहते हैं कि ऐसी मूर्तियों की कीमत देश में लाखों में तो विदेश पहुंचने के बाद करोड़ों में हो जाती है।
दिन दहाड़े चोरी
चोरी की वारदात तीन जनवरी की है और पुलिस को सूचना चार जनवरी को दी गई। इससे चोरी की यह वारदात और भी संदिग्ध हो गई है। फरियादी योगेंद्र चतुर्वेदी हैं जो कि गूजरी महल के केयरटेकर हैं। उनका कहना है कि चोरी गई प्रतिमा म्यूजियम के तलघर में शोकेश में रखी थी। घटना के वक्त वे पहली मंजिल पर गए थे और जब लौटकर वापस आए तो पाया कि मूर्ति गायब थी। ताला तोडक़र यह मूर्ति पार की गई।