ग्वालियर। भारत में यह पहला केस है जब फास्टैग इतना असरकारी साबित हुआ। ड्राइवर की हत्या कर फॉर्च्यूनर कार लेकर फरार हुए आरोपी कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिए गए। लूटी गई फॉर्च्यूनर कार भी बरामद हो गई। पुलिस हत्यारों की पहचान में नहीं कर पाई थी लेकिन फास्टैग ने बताया कि हत्यारों की लोकेशन क्या है।
क्या हुआ घटनाक्रम, फास्टैग से क्या फायदा मिला
रविवार रात ओरछा में दो बदमाश ड्राइवर की हत्या कर फॉर्च्यूनर कार लेकर फरार हो गए थे। बदमाश ओरछा से कार लेकर झांसी की तरफ भागे। यहां से ग्वालियर की ओर निकल गए। ग्वालियर में जैसे ही टोल प्लाजा से कार निकली तो गाड़ी में लगे फास्टैग से टोल प्लाजा का टैक्स कट गया। इसका मैसेज कार मालिक के मोबाइल पर आया। उन्होंने तुरंत घटना की जानकारी ओरछा पुलिस को दी। ओरछा पुलिस की सूचना पर ग्वालियर पुलिस ने कार का पीछा किया और मुरैना के पास कार को रोक लिया। पुलिस को देखते ही एक बदमाश फरार हो गया।
झांसी से राम मंदिर के दर्शन करने ओरछा आए थे कार मालिक
ओरछा पुलिस के अनुसार, रविवार रात 8:30 बजे किला रोड पर खून से लहूलुहान शव पड़े होने की सूचना मिली। पास में ही धारदार हथियार पड़ा था। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को जानकारी मिली कि झांसी निवासी डॉ. डीएन मिश्रा के भाई विद्यानिधि मिश्रा अपने परिवार के साथ कार से ओरछा में रामराजा के दर्शन करने आए थे। सभी लोग मंदिर में दर्शन करने चले गए। चालक इंद्रमणि उर्फ खिलाड़ी तिवारी निवासी जोरपुर (उत्तरप्रदेश) ने फॉर्च्यूनर कार को किला रोड पर पार्क किया और इंतजार करने लगा। इसी दौरान रात के अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाशों ने धारदार हथियार से इंद्रमणि तिवारी की हत्या कर दी और कार लेकर फरार गए।