CAA के विरोध से लौट रहे रिटायर्ड कर्मचारी ने आत्मदाह किया | INDORE NEWS

NEWS ROOM
इंदौर। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन से वापस लौट रहे एक रिटायर्ड कर्मचारी रमेश प्रजापति (75) ने घर पहुंचने से पहले ही रास्ते में पड़े एक चौराहे पर खुद को आग लगा ली। इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि उन्होंने विरोध से लौटने के तत्काल बाद और घर पहुंचने से पहले ही सरे बाजार आत्मदाह की कोशिश क्यों की।

तुकोगंज टीआई निर्मल श्रीवास ने बताया- रमेश प्रजापति शुक्रवार शाम सात बजे गीता भवन चौराहा स्थित एक ऑटोमोबाइल्स शोरूम के पास पहुंचे और बाेतल में भरा केरोसिन खुद पर उड़ेलकर आग लगा ली। उन्हें लपटों में घिरा देख लोग सकते में आ गए। घटनास्थल के पास रहने वाले डीएसपी सुनील तालान ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। तुकोगंज थाने के बीट जवान वहां पहुंचे और लोगों की सहायता से प्रजापति की आग बुझाकर एमवाय पहुंचाया।

कम्युनिस्ट पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे रमेश प्रजापति

कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव छोटेलाल सरावद और कैलाश लिंबोदिया भी मौके पर पहुंचे। उन्हाेंने बताया कि प्रजापति रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी थे। वे कई दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध में माणिकबाग और बड़वाली चौकी में पार्टी की ओर से प्रदर्शन कर रहे थे। लगता है कि इसी के तनाव में उन्होंने यह कदम उठाया।

आत्मदाह से पहले CAA के खिलाफ नारे लगाए थे: कांग्रेस का दावा

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रमीज खान नेता बाकी आएगी रमेश प्रजापति ने खुद को आग लगाने से पहले सीएए के खिलाफ नारे लगाए थे। रमेश प्रजापति के बेटे दीपक का कहना है कि घटना काे राजनीतिक रंग न दिया जाए, आग लगाने का कारण अभी पता नहीं है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया है जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।


CAA के विरोध प्रदर्शन से लौटकर आत्मदाह क्यों किया 

इस घटना को 'CAA के विरोध में आत्मदाह' के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की गई परंतु बड़ा सवाल यह है कि यदि श्री रमेश प्रजापति को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आत्मदाह जैसा कदम उठाना होता तो वह विरोध प्रदर्शन स्थल पर उठाते वहां से लौट कर आने के बाद और घर जाने के पहले रास्ते में चौराहे पर उन्होंने ऐसा क्यों किया। उनकी जेब से CAA विरोधी परिचय मिलना इस बात को प्रमाणित नहीं करता कि उन्होंने कानून के विरोध में आत्मदाह किया है क्योंकि वह विरोध प्रदर्शन से शामिल होकर लौट रहे थे इसलिए उनकी जेब में विरोध प्रदर्शन का साहित्य सामान्य बात है। 
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!