भोपाल। भोपाल के शाहजहांनी पार्क में चल रहे अतिथिविद्वानों में आंदोलन ने आज 46 दिन पूर्ण कर लिए हैं किन्तु अबतक सरकार ने उनकी कोई सुध नही ली है। सरकारी बव्रुखी के साथ मौसन कि मार झेलते कई अतिथिविद्वान अस्पतालों में पहुँच चुके है। अतिथिविद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि 46 दिन बाद भी अगर सरकार का ध्यान हमारी मांगों तथा हमारी पीड़ा पर नही गया है तो मुझे इस सरकार की संवेदनशीलता पर शंका है कि वो अपने को गरीबों, किसानों और इस प्रदेश के युवाओं की सरकार बोलती है।
मशाल जलाकर जताया विरोध
अतिथिविद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार अब तक सरकार ने हमारी किसी मांगों पर कोई कार्यवाही नही की है। इससे पूरे प्रदेश के अतिथिविद्वान समुदाय में बेहद असंतोष तथा सरकार के प्रति आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है। आज अतिथिविद्वानो ने पार्क प्रांगण में ही बड़ी संख्या में मशालें जलाकर अपनी बात सरकार तक एक बार पुनः पहुँचाने की कोशिश की है।
अतिथिविद्वानों के ऐतिहासिक आंदोलन के 46 दिन पूर्ण
अतिथिविद्वान नियामितिकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार शाहजहांनी पार्क भोपाल में चल रहे अतिथिविद्वानों के ऐतिहासिक आंदोलन ने 46 दिन पूर्ण करके संघर्ष का अर्धशतक लगाने के करीब है, किन्तु सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि उसे अतिथिविद्वानों की पीड़ा ही नही दिख रही है। यहां तक की चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया में अतिथिविद्वानों की लगभग 60 % सीटें घटा दी गई है। इससे स्पष्ट है कि लगभग 60 प्रतिशत अतिथिविद्वानों का सेवा से बाहर होना तय है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। जबकि सरकार मीडिया में यह प्रचारित कर रही है कि हमने बाहर हुए सभी अतिथिविद्वानो को पुनः सेवा में ले लिया है जबकि उच्च शिक्षा विभाग का यह दावा सफेद झूठ है।