नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। 26 जनवरी 2012 यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में भारत का सबसे बड़ा और मुख्य कार्यक्रम होता है। कानून और व्यवस्था के लिए दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की जाती है। वर्षों से आतंकवादी संगठन इस फिराक में है कि किसी तरह इस कार्यक्रम को डिस्टर्ब किया जा सके लेकिन हर बार दिल्ली में घुसे आतंकवादियों को ढूंढ निकाला जाता है। शाहीन बाग प्रदर्शन के कारण हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। दिल्ली पुलिस चाहती है कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए शाहीन बाग का प्रदर्शन स्थगित कर दिया जाए परंतु शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी इसके लिए तैयार नहीं। तनाव बढ़ गया है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने 29 जनवरी को भारत बंद बुलाया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रदर्शन खत्म करने की अपील की
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में फैसला किया है कि 29 जनवरी को सड़कें जाम की जाएंगी। उनका कहना है कि सरकार अपने प्रतिनिधि भेजेगी, उसके बाद भी विरोध यूं ही जारी रहेगा। हालांकि इसके बीच-बचाव में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को शाहीन बाग के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और प्रदर्शन खत्म करने की अपील की। प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन देकर सीएए वापस लेने की मांग की। उपराज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से लोगों को हो रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने सड़क बंद होने के कारण स्कूली बच्चों, रोगियों और आम जन को हो रही परेशानियों का हवाला दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा: विरोध इसी तरह जारी रहेगा चाहे कुछ हो जाए
शाहीन बाग में 1 महीने से ज्यादा दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ बुजुर्ग महिलाएं भी इसमें शरीक हो रही हैं। इन्हीं में से एक बुजुर्ग महिला ने मंगलवार को सरकार को खुली चुनौती दी। उसने कहा कि अगर सरकार पीछे नहीं हटेगी तो हम भी एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। बेहद तल्ख अंदाज में बुजुर्ग महिला ने कहा कि हम मरने से नहीं डरते। इन महिलाओं की मांग है कि सरकार सीएए वापस ले नहीं तो उनका प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।