भोपाल। नगर निगम को दो भागों में बांटने के प्रस्ताव पर एक बार फिर सियासी घमासान मच गया है। भोपाल नगर निगम को राज्य सरकार दो भागों में बांटने का प्रस्ताव लाई है, तभी से सियासत हो रही है।
किसी भी कीमत पर मैं अपने भोपाल के दो हिस्से नहीं होने दूंगा
बुधवार को भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर भोपाल शहर को दो भागों में बांटा जाता है तो इससे पहले महापौर आलोक शर्मा की लाश के दो हिस्से करने होंगे। किसी भी कीमत पर मैं अपने भोपाल के दो हिस्से नहीं होने दूंगा। आलोक शर्मा भाजपा से भोपाल के महापौर हैं।
राज्य सरकार पहले ही महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से न करवाते हुए का पार्षदों द्वारा करवाने का फैसला ले चुकी है। इसका विपक्षी दल भाजपा ने पुरजोर विरोध किया था, लेकिन सरकार ने अपने निर्णय को वापस नहीं लिया। वहीं भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने को लेकर विपक्षी दल भाजपा कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर रही है।
राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक आधार पर भोपाल विभाजन कर रही है सरकार
भाजपा का आरोप है कि धार्मिक और राजनीतिक फायदा उठाने के मकसद से सरकार ये निर्णय ले रही है। यही वजह है कि मप्र में नगरीय निकाय के चुनाव टलते जा रहे है। नगरीय निकाय का कार्यकाल 16 फरवरी को खत्म हो रहा है और इसकी जगह सरकार पर्यवेक्षक नियुक्त कर रही है।