भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शासकीय महाविद्यालयों में पिछले 20 साल से पढ़ा रहे अतिथि विद्वान प्रदर्शन कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार की कैबिनेट ने अतिथि विद्वानों को एक गिफ्ट भेजा लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उसे अस्वीकार कर दिया। प्रदर्शन लगातार जारी है।
अतिथि विद्वानों के लिए कमलनाथ कैबिनेट ने क्या फैसला लिया
खबर आ रही है कि कमलनाथ कैबिनेट की मीटिंग में अतिथि विद्वानों का विषय भी आया। मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कई मंत्रियों ने सहमति जताई और किया कि किसी भी अतिथि विद्वान को सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। खाली पदों पर इन का समायोजन होगा, पीएससी परीक्षा में बोनस अंक दिए जाएंगे। यह अधिकतम 20 अंक होंगे जो अनुभव के आधार पर विभाजित किए जाएंगे।
आंदोलनकारी अतिथि विद्वानों ने कैबिनेट का फैसला स्वीकार किया
राजधानी के नीलम पार्क में प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों ने कैबिनेट के इस फैसले को अस्वीकार कर दिया है। उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले नियमितीकरण का वचन दिया था। उस वचन को पूरा करने का समय आ गया है। अब इसे और नहीं डाला जा सकता। यह आंदोलन नियमितीकरण के आदेश के बाद ही समाप्त हुआ।