मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ पहली कार्रवाई कर दी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी के सहयोग से मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक शोध संस्थान की स्टांप शुल्क से छूट समाप्त कर दिए। बता देंगे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस संस्थान को स्टांप शुल्क की छूट दी थी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा सरकार की इस आदेश को निरस्त कर दिया है।
RSS की संस्था पुनरुत्थान शोध संस्थान को डेढ़ करोड़ रुपए चुकाने होंगे
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया, 'स्टांप शुल्क में मिली छूट को रद करने का निर्णय शिवसेना की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने बुधवार को लिया।' उन्होंने बताया कि नागपुर के पुनरुत्थान शोध संस्थान ने करोल तहसील में बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा भारतीय शिक्षण मंडल ने की थी।
नौ सितंबर को देवेंद्र फड़नवीस की नेतृत्ववाली राज्य की तत्कालीन सरकार ने संस्थान को जमीन सौदे के लिए स्टांप और पंजीकरण शुल्क के भुगतान से छूट प्रदान की थी। अधिकारी ने कहा, '105 हेक्टेयर जमीन की खरीद के लिए 1.5 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क पर दी गई छूट को अब रद कर दिया गया है। संस्थान को अब स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा।'
भाजपा नेताओं की सात चीनी मिलों की कर्ज गारंटी भी रद
उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को एक अन्य फैसले के तहत भाजपा नेताओं की सात चीनी मिलों को दी गई कर्ज गारंटी भी रद कर दी। महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे समेत अन्य नेताओं की सहकारी चीनी मीलों ने 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज ले रखा है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहकारी समितियों को कर्ज उपलब्ध कराता है।
राज्य सरकार कुछ नियम एवं शतरें के तहत समितियों के कर्ज पर गारंटी देती है। एक अधिकारी ने बताया, 'इन सात सहकारी चीनी मिलों ने गारंटी की शर्तें को पूरा नहीं किया। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने गारंटी रद करने का फैसला किया है।' उन्होंने बताया कि भाजपा की सहयोगी जनसुराज्य शक्ति पार्टी के नेता विनय कोरे की सहकारी मिल को भी गारंटी दी गई थी।