भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में अतिथिविद्वानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। अतिथिविद्वान कांग्रेस सरकार से आप के नियमितीकरण का वचन पूरा करने की लगातार गुहार लगा रहे हैं। अतिथिविद्वानों का आमरण अनशन लगातार 6वें दिन जारी रहा लेकिन सरकार या प्रशासन का कोई नुमाइंदा अतिथिविद्वानो का हाल जानने शाहजहानी पार्क नही पहुँचा। लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अतिथि विद्वानों की बदहाल स्थिति जानने स्वतः संज्ञान लेने हेतु शाजहानी पार्क पहुँचें। उन्होंने 6 दिन से अनशन में बैठे लोगों से अपने स्वास्थ्य की चिंता करने की गुजारिश की एवं कमलनाथ सरकार को अविलंब अतिथिविद्वानों की मांगों को पूरा करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों की मांग बिल्कुल जायज़ है। सरकार ने एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अपने वचन के प्रति ईमानदार नही दिख रही है। शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि अतिथि विद्वानों का मुद्दा आज विधायक दल की बैठक में भी रखा जाएगा एवं विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रमुखता से उठाया जाएगा। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार सरकार ने धरने की अनुमति भी नही दी है एवं कड़ाके की ठंड में अतिथिविद्वान जिसमे बड़ी संख्या में महिला एवं बच्चे शामिल है, सरकार द्वारा उनकी नियमितीकरण की मांग को मान लिए जाने की आस में ठंड में ठिठुरते हुए समय गुज़ार रहे है।
नेता प्रतिपक्ष पहुँचे अतिथिविद्वानों का हाल जानने
अतिथिविद्वान पिछले 11 दिसंबर से वचनपत्र की कंडिका 17.22 को पूरा करने के लिए आंदोलन कर रहे है। इस बीच किसी भी सरकारी नुमाइंदे ने उनका हाल चाल जानने की कोशिश नही की। जबकि विधानसभा सत्र प्रारम्भ होने के एक दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव स्वतः संज्ञान लेने शाहजहानी पार्क पहुँचे। अतिथिविद्वान नियमितीकरण मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि हम सरकार के किसी प्रतिनिधि के धरना स्थल पर पहुँचने की आस लगाए थे किंतु इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव हमारे बीच उपस्थित हुए एवं हमारे मुद्दे को उन्होंने सरकार के समक्ष टखने का वादा किया है।
अतिथि विद्वानों को हटाया तो सड़कों पर होगा संघर्ष
मोर्चा के डॉ आशीष पांडेय के अनुसार धरना स्थल पहुँचे शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि यदि अतिथि विद्वानों को धरना स्थल से पुलिस या प्रशासन द्वारा हटाने का प्रयास किया गया तो शिवराज अतिथिविद्वानों के साथ ये लड़ाई लड़ेगा। उल्लेखनीय है कि मोर्चा ने अपने धरना की अनुमति बढ़ाने का आवेदन पूर्व में प्रस्तुत किया था किंतु प्रशासन द्वारा हमें अनुमति नही दी गई है। बावजूद इसके अतिथि विद्वान शांतिपुर्ण तरीके से आंदोलन स्थल पर डटे हुए हैं।