अतिथि विद्वानों के बीच कांग्रेस सांसद ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर अफसोस जताया | MP NEWS

भोपाल। भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में पिछले तीन हफ्तों से जारी सूबे के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथिविद्वानों के धरना एवं हड़ताल से पूरे प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। हाल यह है कि विपक्षी दल भाजपा समेत कई राजनैतिक एवं सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों ने सरकार की कार्यशैली पर दुख जताते हुए अतिथिविद्वानों के अविलंब नियमितीकरण की मांग रखी है। 

अब हाल यह है कि विपक्ष के साथ साथ सत्तारूढ़ दल के ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी ही सरकार व मंत्री जीतू पटवारी की कार्यशैली पर उंगली उठाते हुए अतिथिविद्वानों के संबंध में जल्द नीति निर्माण करने की बात कही है। अपनी ही पार्टी की सरकार की कार्यशैली पर उठने वाली आवाज़ें कहीं न कहीं यह हाल बयान कर रही है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर सब कुछ अच्छा नही चल रहा है। पंद्रह वर्षों का राजनैतिक वनवास झेलने वाली कांग्रेस पार्टी को जनता ने बड़ी आशाओं के साथ सत्ता की गद्दी पर बैठाया था। हाल ही में सरकार गठन की पहली वर्षगांठ मनाने वाली कमलनाथ सरकार अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर चौतरफा घिरी हुई दिखाई दे रही है। चर्चा यह भी है कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस शीतकालीन सत्र में सरकार की किरकिरी करवाने में कोई कसर नही छोड़ी है। इसके साथ ही मंत्री जीतू पटवारी की कार्यशैली भी लगातार चर्चाओं में है।

कांग्रेस सांसद राजमणि पटेल पहुँचे धरनास्थल

पहले से ही चर्चाओं में रहे उच्च शिक्षा विभाग व विभागीय मंत्री जीतू पटवारी की विवादास्पद कार्यशैली पर  पार्टी के अंदर से ही आवाज़ें उठना शुरू हो गई है। सबसे पहले मांग कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ राज्यसभा सांसद, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष संसद राजमणि पटेल ने उठाये है। आज भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क पहुँच कर उन्होंने अतिथिविद्वानों की नियमितीकरण की मांग को जायज़ ठहराया। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ  की कार्यशैली पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि यदि उन्होने वचन दिया है तो अवश्य पूरा करेंगे। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार लगभग सभी राजनैतिक दलों ने हमारा समर्थन किया है। अब आवाज़ कांग्रेस पार्टी के अंदर से ही उठना शुरू हो गई है। इससे मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को समझ जाना चाहिए कि हमारी मांगे बिल्कुल जायज़ है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुचाई जाएगी अतिथिविद्वानो की पीड़ा

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार अतिथिविद्वान कमलनाथ सरकार के आधीन अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशैली अत्यंत निराशाजनक है। हमने राहुल गांधी व कमलनाथ जी के वचनपत्र पर अपना समर्थंन कांग्रेस पार्टी को दिया था। किंतु सत्तासीन होने के बाद जिस प्रकार का व्यवहार उच्च शिक्षा विभाग व मंत्रीजी द्वारा अतिथिविद्वानों के साथ किया गया है वह दिल को तोड़ने वाला है। जल्द अतिथिविद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली रवाना हो रहा है जहां पर राहुल गांधी जी से मिलने का समय लेकर उन्हें मध्यप्रदेश में उनके वचन पत्र की दुर्दशा सम्बंधी जानकारी दी जाएगी।

अतिथिविद्वानों के आंदोलन को भारी जनसमर्थन

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार हमारे आंदोलन को विपक्ष के साथ साथ अब सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है। राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हमारा समर्थन किया है। संगठन के विभिन्न पदाधिकारी लगातार हमारे संपर्क में है। हमने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर अपनी व्यथा उन्हें बताई है। वे हमारे मुद्दे पर पूरी तरह सकारात्मक दिखे है। पार्टी के साथ साथ पूरा विपक्ष हमारे समर्थन में खड़ा हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी को बाहर से समर्थन दे रहे बुरहानपुर विधायक शेरा भैया, बसपा विधायक रामबाई तो हमारे संरक्षक के रूप में सहयोग कर रहे हैं।इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठन, कर्मचारी संगठन अजाक्स व सपाक्स समाज हमारे समर्थंन में आगे आया है। यहां तक कि धार्मिक संगठन भी हमारे साथ खड़े रहे है। इस अपार जनसमर्थन से अतिथिविद्वानों का आंदोलन एक जनांदोलन के रूप में आगे बढ़ रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि हम अपनी नियमितीकरण की आखरी मंज़िल तक अवश्य पहुचेंगे।

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