भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में 2 संविदा शिक्षकों की जातिवादी गतिविधियों का विरोध कर रहे 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था। जब मामले ने तूल पकड़ा, सारी मीडिया, शिवराज सिंह सहित भाजपा के कई नेता लामबंद हुए तो घबराए यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट में निष्कासित छात्रों को राहत देने का प्रस्ताव रखा है लेकिन सशर्त।
3 स्टूडेंट्स का निष्कासन रद्द, शेष को अंडरटेकिंग देनी होगी
माखनलाल यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट ने निष्कासित किए गए 23 स्टूडेंट्स में से 3 स्टूडेंट्स का निष्कासन रद्द कर दिया है। शेष स्टूडेंट्स को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है लेकिन शर्त है कि सभी स्टूडेंट्स को अंडरटेकिंग देनी होगी। इस बीच सभी छात्रों का निष्कासन रद्द करने की मांग को लेकर अब ABVP कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
देशभर में बदनाम हुई माखनलाल यूनिवर्सिटी
2 संविदा शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति के बाद से ही ना केवल यूनिवर्सिटी कैंपस में है बल्कि सोशल मीडिया पर भी जातिवाद की राजनीति तेज कर दी थी। जिन छात्रों ने इसका विरोध किया उन सभी को निष्कासित कर दिया गया। निष्कासन की खबर के साथ ही पूरे देश में माखनलाल यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस कार्रवाई को गलत बताया। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर इस मामले को लेकर उपराष्ट्रपति से मिली। क्योंकि यह पत्रकारिता विश्वविद्यालय है इसलिए पूरे देश के मीडिया कर्मियों ने एक राय होकर मैनेजमेंट की इस कार्रवाई की निंदा की।