इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ की महत्वाकांक्षी योजना " संजीवनी क्लिनिक" के पहले कदम पर ही ठोकर लग गई है। निपानिया में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस संजीवनी क्लीनिक का उद्घाटन किया था उसमें नियुक्त डॉक्टर ने काम करने से मना कर दिया है। वह सिर्फ उद्घाटन वाले दिन आया था। नायता मुंडला क्षेत्र के संजीवनी क्लिनिक के डॉक्टर ने तो ज्वाइन ही नहीं किया।
जिन डॉक्टरों को ज्वाइन कराया था और उन्हें काम करने से मना कर दिया
माेहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर पूरे मध्यप्रदेश में संजीवनी क्लिनिक खाेले जाना हैं। इनमें 29 इंदौर में खुलना हैं। 7 दिसंबर काे मुख्यमंत्री ने निपानिया में स्वास्थ्य मंत्री और तीन मंत्रियों की मौजूदगी में क्लिनिक का शुभारंभ कर याेजना का आगाज किया था। यहां डाॅक्टर का वेतन 25 हजार और इंसेटिव रखा गया। इतने कम वेतन में डॉक्टर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। उद्घाटन वाले दिन जिस डॉक्टर को नियुक्ति दी गई थी, उसने बाद में काम करने में असमर्थता जता दी। मजबूरी में CMHO ने हरसिद्धि डिस्पेंसरी के एक डॉक्टर को इस क्लिनिक में भेजा। नायता मुंडला क्षेत्र के संजीवनी क्लिनिक में भी जिस डॉक्टर की नियुक्ति की थी, उसने भी जाॅइन हाेने से इनकार कर दिया।
सिर्फ एक संजीवनी क्लीनिक खुल रहा है
दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर मप्र में संजीवनी क्लिनिक खोले जाना हैं। इस योजना के तहत 100 मरीज से ज्यादा देखने पर डॉक्टर को प्रति मरीज इनसेंटिव दिया जाएगा। आबादी के हिसाब से इंदौर में 29 संजीवनी क्लिनिक खोले जाना हैं, लेकिन फिलहाल एक ही क्लिनिक खुल रहा है।