इंदौर। मानव तस्करी सहित अन्य आरोपों में फरार जीतू सोनी के अखबार संझा लोकस्वामी के दफ्तर पर बुधवार सुबह नगर निगम का बुल्डोजर चला। अल सुबह ही प्रशासन और नगर निगम की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि अखबार के लिए जीतू सोनी ने इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) से जमीन लीज पर ली थी, जिसकी लीज आईडीए ने खारिज कर दी है।
तीन पोकलने मशीन इस काम में लगी थी, इस दौरान पानी का पाइप फटने से एक मशीन को हटा लिया गया। तोड़फोड़ के दौरान पोकलेन का पंजा मालवीय नगर के मकान पर लगा, जिससे उसकी गैलरी की दीवार गिर गई। यहां दिगपाल नाम के व्यक्ति रहते हैं और उनके साथ अन्य सात-आठ परिवार रहते हैं। घटना के बाद सभी सुरक्षित हैं। उधर पुलिस ने लोकस्वामी परिसर में खड़ी दो गाड़ियों को भी जब्त कर लिया है। इसके पहले भी जीतू सोनी के माय होम होटल, बेस्ट वेस्टर्न होटल, ओ2 कैफे और दो बंगलों पर नगर निगम ने अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई की थी।
जीतू सोनी पर मंगलवार को तीन और प्रकरण दर्ज किए गए। तुकोगंज थाने में आईडीए ने आवंटित प्लॉट पर अवैध कब्जे का प्रकरण दर्ज कराया, जबकि इसी थाने में धोखाधड़ी के दो अन्य प्रकरण सोनी के खिलाफ दर्ज कराए गए। इस मामले मे अब तक सोनी के खिलाफ 57 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। आईडीए द्वारा आवंटित प्लॉट पर अवैध कब्जे के मामले में पुलिस ने जीतू सोनी और रवींद्र निगम के खिलाफ केस दर्ज किया है। प्रेस कॉम्प्लेक्स में आईडीए ने वर्ष 1987 में दैनिक नवीन इंदौर को प्लॉट नंबर 23 आवंटित किया था जिसका क्षेत्रफल 1105 वर्गमीटर है। प्राधिकरण ने 1988 में लीज डीड तैयार कर जारी कर दी। आवंटी रवींद्र पंडित ने आईडीए को आवेदन दिया कि दस्तावेज में जो हस्ताक्षर हैं, वे उनके नहीं हैं। पंडित ने तब अफसरों से आग्रह किया था कि भविष्य में प्लॉट को लेकर पत्र व्यवहार उनके नाम से ही हो और भवन बनाने का प्रमाण-पत्र भी उन्हें ही दिया जाए। बाद में भवन किराए पर दे दिया गया। आईडीए ने इस पर आपत्ति लेने हुए निगम को नोटिस भी जारी किए थे और कहा गया कि प्राधिकरण द्वारा आवंटित भवन किराए पर नहीं दिया जा सकता।
नोटिस का भी नहीं आया जवाब
पांच दिसंबर को आईडीए के दल ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो पाया कि भवन पर सांध्य दैनिक संझा लोकस्वामी और जेडी इवेंट मैनेजमेंट का बोर्ड लगा है और कार्यालय संचालित हो रहा है। भवन में डायरेक्टर के पांच कैबिन, कम्प्यूटर रूम व अन्य कक्ष पाए गए। आईडीए ने पांच दिसंबर को ही कब्जेधारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। प्राधिकरण ने अपनी जांच में पाया कि मूल लीजधारी रवींद्र पंडित को बेदखल कर रवींद्र निगम ने प्लॉट पर कब्जा किया और उसे जीतू सोनी को किराए पर दे दिया।
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति का प्लॉट हड़पा
थाना प्रभारी निर्मल श्रीवास के अनुसार एक प्रकरण न्यू पलासिया निवासी सुषमा की रिपोर्ट पर जीतू सोनी, विजय सोनी (फेयर एंड केयर संचालक) और अनिल सोनी के खिलाफ दर्ज किया है। महिला ने आरोप लगाया कि उसके भाई सुरेंद्र कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका चैन सिंह के बगीचे पर एक प्लॉट था, आरोपितों ने एक मत होकर रजिस्ट्री शून्य करा ली और तोड़फोड़ कर कब्जा कर लिया। पहले भी कई बार शिकायत हुई, लेकिन जीतू सोनी के प्रभाव के कारण पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसी तरह एक और केस होराइजन बिल्डिंग के मामले में नायता मुंडला निवासी मांगीलाल की शिकायत पर जीतू सोनी, निखिल कोठारी, सुरभि कोठारी और अमित सोनी के खिलाफ दर्ज किया गया।