इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को बिजली कंपनी के प्रभारी कार्यपालन यंत्री (डीई) और उसके बाबू को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। दोनों एक कॉन्ट्रैक्टर से एक साइट पर बिजली लोड बढ़ाने के नाम पर रुपयों की मांग कर रहे थे। डीई इतना बेखौफ था कि कमरे में घुसते ही कॉन्ट्रैक्टर से बोला कि पैसे ले आए, वहीं उसने हाथोहाथ अतिरिक्त पांच हजार रुपए की मांग भी कर दी। जब उसे लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ लिया तो कहने लगा कि मुझे लग ही रहा था कि मैं एक दिन पकड़ा जाऊंगा। जबकि उसका बाबू तो रोने लगा। उसे लोकायुक्त डीएसपी ने चुप करवाया।
डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि मंगलवार दोपहर फरियादी अशोक कुमार सोनी निवासी कालानी नगर की शिकायत पर हमारी टीम ने बिजली कंपनी के डीई अजय व्यास और उसके बाबू प्रकाश शाह को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। सोनी की फर्म है, जो व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मीटर फिटिंग आदि काम करती है। अभी मल्हारगंज में खुल रहे गिरि शंकरा होटल का काम इनके पास है। उसमें लोड बढ़ाने के लिए एक ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट होना था। 11 किलो लोड बढ़ाने के लिए उन्होंने आरोपितों से संपर्क किया था, जिसके लिए उन्होंने 25 हजार रुपए की मांग की थी। टीम ने यहां से कुछ फाइलें भी जब्त की हैं।
दो दिन से तलाश रहे थे
जानकारी के मुताबिक बार-बार पैसे मांगने से फरियादी सोनी नाराज हो गया था, इसलिए उसने लोकायुक्त की शरण ली थी। इसके बाद दो दिन से लोकायुक्त आरोपितों को ट्रैक करने के लिए प्रयास कर रही थी, लेकिन दोनों मिल नहीं रहे थे। मंगलवार को भी वे लोग सुबह से ट्रेनिंग के नाम पर घुमाते रहे। दोपहर बाद पैसे लेकर खुद के ऑफिस पर ही बुलवाया और यहीं पर लोकायुक्त ने उन्हें पकड़ लिया।
कुछ माह पहले ही लिए 50 हजार रुपए
सूत्रों ने बताया कि दोनों आरोपित, फरियादी से कुछ माह पहले भी 50 हजार रुपए ले चुके थे। शंकरा होटल के पास में एक बिल्डिंग में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा खुलने वाली थी, तब भी कमर्शियल कनेक्शन के नाम पर आरोपितों ने 50 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। इसके बाद जब होटल खोला गया तो ट्रांसफॉर्मर में लोड बढ़ाने के नाम पर 25 हजार रुपए की मांग की।
जुलाई में ही मिली जिम्मेदारी
रिश्वत लेते पकड़ाए डीई व्यास को जुलाई में ही यह जिम्मेदारी मिली थी। इससे पहले वह इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स जोन में वरिष्ठ सहायक यंत्री था। विद्युत इंजीनियर एसोसिएशन की मांग पर सरकार ने करंट चार्ज पर प्रमोशन को मंजूरी दी थी। इसके बाद करंट चार्ज में प्रमोशन की लिस्ट जारी हुई थी। इस लिस्ट में डीई व्यास को पश्चिम शहर संभाग का कार्यपालन यंत्री बनाया गया था। नई पदस्थापना के चलते जिस जोन में वह पदस्थ था, उसके साथ सात अन्य जोन भी उसके अधीन आ रहे थे।