ग्वालियर। शिवपुरी जिले के सरकारी अस्पताल से एक मरीज को एंबुलेंस में रस्सियों से बांधकर यहां भेजा गया। एंबुलेंस स्टाफ का कहना है कि उनके पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं था। शिवपुरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कोई मदद नहीं की। समाचार लिखे जाने तक मामले को किसी भी स्तर पर संज्ञान में नहीं लिया गया था।
मरीज का नाम मुकेश कुशवाहा उम्र 40 साल निवासी न्यू ब्लॉक शिवपुरी बताया गया है। मनीष को करीब 1 साल पहले आवारा कुत्ते ने काट लिया था। परिवार जनों ने उस समय उसका इलाज नहीं कराया। तांत्रिक झाड़-फूंक की कोशिश करते रहे। नतीजा मरीज का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। अंततः परिवार के लोग मरीज को शिवपुरी जिला अस्पताल लेकर आए जहां से उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया। बताया यह भी गया है कि मरीज एक बार एंबुलेंस उतर कर भाग गया था। दूसरे दिन उसे पकड़कर अस्पताल लाए डॉक्टर को दिखाया फिर से रेफर कराया। दूसरी बार भी मरीज एंबुलेंस में हंगामा कर रहा था इसलिए उसे रस्सी से बांध दिया गया।
शिवपुरी जिला अस्पताल में डॉक्टर है या क्लर्क
बड़ा सवाल यह है कि शिवपुरी जिला अस्पताल में मरीजों का उपचार डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है या वह सिर्फ एक क्लर्क की भूमिका में है। ऐसा मरीज जिस का मानसिक संतुलन ठीक ना होगा उसे सिर्फ रेफर नहीं किया जाता बल्कि डॉक्टर की ड्यूटी होती है कि वह सुनिश्चित करें मरीज सही सलामत उस अस्पताल तक पहुंचे जहां के लिए उसे रेफर किया गया है। देशभर में इस तरह के मरीजों को लाने ले जाने के लिए कई तरह के प्रबंध किए जाते हैं। यहां मरीज को रस्सी से बांधकर भेज दिया गया किसी को कोई आपत्ति भी नहीं थी।